नई सैटेलाइट इमेज से खुलासा, गोगरा-हॉटस्प्रिंग इलाके में बनाई थी बहुत बड़ी पोस्ट
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पार अपने कब्जे वाली जगह से 3 किलोमीटर पीछे हट गई है। यह खुलासा मैक्सार टेक्नोलॉजीज की सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ है। मई 2020 में जब दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव बढ़ा था, तब से भारत-चीन ने अपने-अपने सैनिकों को पैट्रोलिंग पॉइंट-15 के पास तैनात किया था। यहां उसने बहुत बड़ी पोस्ट बनाई थी।इस साल 17 जुलाई को भारत और चीन के बीच कोर कमांडर लेवल की 16वें दौर की बातचीत हुई। इसमें 8 सितंबर 2022 से सेनाओं के पीछे हटने की प्रोसेस शुरू हुई थी और यह पूरी तरह 13 सितंबर को खत्म हुई।
अब इस इलाके में पेट्रोलिंग नहीं करेंगी दोनों सेनाएं
सैटेलाइट तस्वीरों में देखा जा सकता है कि डिसइंगेजमेंट से पहले गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाके में एक चीनी पोस्ट दिख रही है, जबकि हालिया सैटेलाइट तस्वीर में यह पोस्ट पूरी तरह से हट चुकी है। सहमति के तहत इस इलाके में दोनों सेनाएं पेट्रोलिंग नहीं कर सकतीं। चीनी सेना ने यहां एक बहुत बड़े एस्टेब्लिशमेंट का निर्माण किया था।पहले इस इलाके में भारतीय सेना गश्त करती थी। लेकिन 2020 में चीनी घुसपैठ के बाद यहां तनाव की स्थिति बन गई।
सैटेलाइट तस्वीरों में देखा जा सकता है कि डिसइंगेजमेंट से पहले गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाके में एक चीनी पोस्ट दिख रही है, जबकि हालिया सैटेलाइट तस्वीर में यह पोस्ट पूरी तरह से हट चुकी है। सहमति के तहत इस इलाके में दोनों सेनाएं पेट्रोलिंग नहीं कर सकतीं। चीनी सेना ने यहां एक बहुत बड़े एस्टेब्लिशमेंट का निर्माण किया था।पहले इस इलाके में भारतीय सेना गश्त करती थी। लेकिन 2020 में चीनी घुसपैठ के बाद यहां तनाव की स्थिति बन गई।
इंडियन आर्मी ने भी अपनी पोस्ट हटाई
लद्दाख में स्थानीय पार्षदों का कहना है कि समझौते के तहत इंडियन आर्मी ने भारतीय क्षेत्र के भीतर भी अपने दो पोस्ट हटा दिए हैं। हालांकि भारतीय सेना के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।लद्दाख के चुशुल क्षेत्र के पार्षद कोंचोक स्टेनजिन ने NDTV को बताया कि हमारे सैनिक न केवल पेट्रोल पॉइंट 15 (PP-15) बल्कि पेट्रोल पॉइंट 16 (PP-16) से भी पीछे हट गए हैं। यहां हमारे सैनिक पिछले 50 साल से पेट्रोलिंग करते थे। उधर, डेमचोक और देपसांग इलाके में गतिरोध को हल करने की कोशिश जारी है।अप्रैल-मई 2020 में चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को तैनात कर दिया था। इसके बाद इस इलाके में कई जगहों पर चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की। इसके जवाब में भारतीय सेना ने भी इस इलाके में चीन के बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर दी थी।हालात इतने खराब हो गए कि 4 दशक से ज्यादा वक्त बाद LAC पर गोलियां चलीं। इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
लद्दाख में स्थानीय पार्षदों का कहना है कि समझौते के तहत इंडियन आर्मी ने भारतीय क्षेत्र के भीतर भी अपने दो पोस्ट हटा दिए हैं। हालांकि भारतीय सेना के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।लद्दाख के चुशुल क्षेत्र के पार्षद कोंचोक स्टेनजिन ने NDTV को बताया कि हमारे सैनिक न केवल पेट्रोल पॉइंट 15 (PP-15) बल्कि पेट्रोल पॉइंट 16 (PP-16) से भी पीछे हट गए हैं। यहां हमारे सैनिक पिछले 50 साल से पेट्रोलिंग करते थे। उधर, डेमचोक और देपसांग इलाके में गतिरोध को हल करने की कोशिश जारी है।अप्रैल-मई 2020 में चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को तैनात कर दिया था। इसके बाद इस इलाके में कई जगहों पर चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की। इसके जवाब में भारतीय सेना ने भी इस इलाके में चीन के बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर दी थी।हालात इतने खराब हो गए कि 4 दशक से ज्यादा वक्त बाद LAC पर गोलियां चलीं। इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
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