पिछड़ा वर्ग के हितों पर हो रहा कुठाराघात
ओबीसी महासभा ने सौंपा ज्ञापन, न्याय प्रक्रिया पर भी उठाये सवाल
बांधवभूमि, उमरिया
ओबीसी महासभा ने आरक्षण के मुद्दे पर शासन-प्रशासन के सांथ न्याय प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े कर दिये हैं। शनिवार को संगठन द्वारा प्रधानमंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा राज्यपाल के नाम का ज्ञापन सौंप कर आबादी के हिसाब से 51 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की मांग की है। ज्ञापन मे कहा गया है कि विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के राज्य मध्यप्रदेश मे होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मे ओबीसी वर्ग की उपेक्षा की जा रही है, जो कि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। आजादी के बाद से ही यह वर्ग प्रदेश के विकास एवं देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा है। शासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य मे पिछड़े वर्ग की आबादी 50 प्रतिशत से भी ज्यादा है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं ओबीसी वर्ग से संबंध रखते हैं। इसके बावजूद सत्ता और प्रशासन के अधिकारियों, कर्मचारियों और उच्च न्यायालय मे बैठे जातिवादी मानसिकता के न्यायाधीशों द्वारा लगातार ओबीसी के हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है। इसी वजह से आज तक ओबीसी आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची मे सम्मिलित नहीं किया जा सका है। इतना ही नहीं प्रशासन द्वारा न्यायालय मे प्रस्तुत विचाराधीन याचिकाओं मे ओबीसी वर्ग का जातिगत आंकड़ा तक उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। यह भोले वाले ओबीसी वर्ग को ठगने की कोशिश होने के सांथ लोकतंत्र का अपमान है।