वाहनो की लंबी कतार से यातायात हुआ प्रभावित
बांधवभूमि, तपस गुप्ता/सोनू खान
पाली, शहडोल।बीती रात से हो रही बारिश ने जनजीवन को तो प्रभावित किया ही है साथ ही उमरिया जिले के पाली से लेकर शहडोल तक के यातायात को अच्छा खासा प्रभावित कर दिया है। शनिवार और रविवार की दरमियानी रात बूंदाबांदी ने जब बारिश का रूप ले लिया और उमरिया से चलकर शहडोल के बीच nh-43 के निर्माणाधीन सड़क पर घुनघुटी और बिरसिंहपुर पाली के बीच मोर्चा फाटक से कुछ ही दूरी पर कच्ची सड़कों पर अचानक हुई तेज बारिश ने वाहनों को आगे जाने से रोका जैसे जैसे ही बारिश तेज हुई और वाहन आगे बढ़ने लगे वैसे ही मिट्टी फिसलने लगी और धंसने लगी है जिसकी वजह से दोनों ओर से आने वाले वाहन अपनी जगह में ही खड़े हो गए फिसलने की वजह और गाड़ियों की कंट्रोलिंग को देखते हुए वाहन चालकों ने अपने वाहनों को जिस स्थिति में खड़ा देखा वहीं खड़ा कर दिया ना तो आगे बढ़ने की स्थिति बनी और ना ही पीछे लौटने की जिसकी वजह से यह जाम आधी रात से लगातार बना हुआ है मौसम की बेरुखी ने इस यातायात को अच्छा खासा प्रभावित कर डाला है।
पाली, शहडोल।बीती रात से हो रही बारिश ने जनजीवन को तो प्रभावित किया ही है साथ ही उमरिया जिले के पाली से लेकर शहडोल तक के यातायात को अच्छा खासा प्रभावित कर दिया है। शनिवार और रविवार की दरमियानी रात बूंदाबांदी ने जब बारिश का रूप ले लिया और उमरिया से चलकर शहडोल के बीच nh-43 के निर्माणाधीन सड़क पर घुनघुटी और बिरसिंहपुर पाली के बीच मोर्चा फाटक से कुछ ही दूरी पर कच्ची सड़कों पर अचानक हुई तेज बारिश ने वाहनों को आगे जाने से रोका जैसे जैसे ही बारिश तेज हुई और वाहन आगे बढ़ने लगे वैसे ही मिट्टी फिसलने लगी और धंसने लगी है जिसकी वजह से दोनों ओर से आने वाले वाहन अपनी जगह में ही खड़े हो गए फिसलने की वजह और गाड़ियों की कंट्रोलिंग को देखते हुए वाहन चालकों ने अपने वाहनों को जिस स्थिति में खड़ा देखा वहीं खड़ा कर दिया ना तो आगे बढ़ने की स्थिति बनी और ना ही पीछे लौटने की जिसकी वजह से यह जाम आधी रात से लगातार बना हुआ है मौसम की बेरुखी ने इस यातायात को अच्छा खासा प्रभावित कर डाला है।
दूसरे मार्ग का लिया सहारा
शहडोल से होकर पाली होते हुए उमरिया व जबलपुर जाने वाले वाहनों ने कहीं घुनघुटी होकर छोट तुम्मी होते हुए तिवनी से पाली होते हुए इस मार्ग की ओर निकले तो कहीं घुनघुटी से जमुड़ी होते हुए मानपुर रोड की ओर रुख कर लिया जिनको इस बात की जानकारी नहीं रही की आगे का रास्ता जोकि जाम की स्थिति से गुजर रहा है। उन्हें भी आगे चलकर या तो जाम का हिस्सा बनना पड़ा या फिर वापस लौट कर इन दो रास्तों का उपयोग करना पड़ा।
6 साल बाद भी अधूरा सड़क निर्माण
बीते 2015 से उमरिया से शहडोल के बीच सड़क निर्माण के लिए जीवीआर कंपनी को ठेका दिया गया था नेशनल हाईवे 43 का हिस्सा जो कि जगह-जगह अपनी चटकती सड़कों का हाल बता रहा है इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह ठेका दो कंपनियों के बीच में फसता चला आया बहरहाल ल तिरुपति कंस्ट्रक्शंस ने इसे संभाला आधा समय तो काम को हथियाने में ही लगा दिया गया बाकी का समय आपके सामने है जो बीच की कच्ची सड़कों पर भी इस जाम की स्थिति का दंश झेल रहे हैं। इस आधे अधूरे सड़क निर्माण कार्य मे ठेका कंपनी ने 6 साल गवा दिए और नतीजा सड़कों पर एक ही बारिश में जाम की स्थिति पैदा कर दी।
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