पार्लियामेंट मे बंद कर देते हैं मेरा माइक:राहुल गांधी

गाजियाबाद/बागपत। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का बुधवार को UP में दूसरा दिन है। यह यात्रा बागपत होते हुए शाम को बड़ौत के छपरौली चुंगी पहुंची। यहां राहुल गांधी ने एक सभा की। राहुल ने कहा, “मैं जहां जाता हूं, कहता हूं प्रेस के मित्रों, लेकिन ये मित्रों का काम नहीं करते। हमारा छोड़ो, जनता की बात नहीं करते ये। ये चीते दिखाते हैं। हम जब पार्लियामेंट में बोलने की कोशिश करते हैं तो वो माइक बंद कर देते हैं।राहुल ने कहा, “एक तरफ मीडिया आवाज नहीं उठाती, दूसरी तरफ माइक बंद कर देते हैं। तो हमने सोचा कि चलो जनता की बात सुनते हैं। 3000 किमी यात्रा कर चुका हूं। मगर कोई थकान नहीं। आप मेरा चेहरा देखो। मुझे ठंड भी नहीं लग रही, न थकान है।मैं यात्रा में चल रहा हूं, मैं टीशर्ट में हूं, मेरे साथ किसान गरीब के बच्चे चलते हैं। वो फटी टीशर्ट में चलते हैं, लेकिन मीडिया ये सवाल नहीं पूछता कि किसान बिना जैकेट में क्यों घूम रहा? सवाल ये है कि हिंदुस्तान के बच्चे सर्दी में टीशर्ट में क्यों घूम रहे हैं। दरअसल मीडिया पर लगाम है। जैसे ही ये दौड़ने की कोशिश करते हैं, वो लगाम कस देते हैं। मुझे मीडिया वाले बताते हैं कि राहुल जी हम सच्चाई बोलना जानते हैं, लेकिन बोल नहीं पाते।
नोटबंदी, GST लोगों को डराने के लिए
राहुल ने कहा, “यात्रा का लक्ष्य देश में नफरत, हिंसा को मिटाने का है। बीजेपी की पॉलिसी हिंदुस्तान के युवाओं, मजदूरों को डराने की है। नोटबंदी, GST लोगों को डराने के लिए है। डरो मत…ये बात समझ लो ये मेरा डायलॉग नहीं, ये शिवजी का डायलॉग है।
अरबपतियों का लाखों करोड़ों का कर्जा माफ, किसानों का नहीं
उन्होंने कहा, “अरबपतियों का लाखों करोड़ों का कर्जा माफ कर देंगे और किसान का कर्जा माफ नहीं कर सकते। यूपी के किसान UPA सरकार में हमारे पास आए। 10 दिन में 70 हजार करोड़ कर्जा माफ किया हमने। हम डर को मिटाने की राजनीति करते हैं।
मोदी के खास मित्रों की जेब में जा रहा पैसा
UPA की सरकार में मोदी जी 400 रुपए के गैस सिलेंडर पर चिल्लाते थे। आज 1100 का सिलेंडर है। ये 700 रुपए का अंतर किसी की जेब में जा रहा है। मोदी के 3-4 खास मित्रों की जेब में इस सिलेंडर का पैसा जा रहा है। पेट्रोल के 60 रुपए अंतर का पैसा भी मोदी के मित्रों की जेब में जा रहा है। हमारा दूसरा मुद्दा महंगाई है। तीसरा मुद्दा बेरोजगारी है। आज युवा इंजीनियरिंग, डॉक्टरी करके मजदूरी कर रहे हैं। आलू के पकौड़े बना रहे हैं।”
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