पहली बार दिखा ठण्ड का असर
जिले का पारा 8.3 डिग्री पर, ग्लोबल वार्मिग के कारण बदला मौसम का मिजाज
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश, उमरिया
काफी इंतजार के बाद आखिरकार रविवार को जिले मे ठण्ड का असर दिखाई दिया। कल न्यूनतम पारा अचानक करीब 7 प्वाईन्ट गिर कर 8.3 पर जा पहुंचा। इस दौरान अधिकतम तापमान 28 डिग्री दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि अमूमन दीपावली के बाद ठण्ड बढऩे लगती है परंतु इस बार ऐसा महसूस नहीं हो रहा है। नवंबर का महीना भी अब जाने को है, इसके बावजूद जिले का न्यूनतम तापमान 15 से 16 डिग्री के आसपास बना हुआ था। विशेषज्ञों ने अनुमान जताया है कि इस साल दिसंबर और जनवरी मे भी कोल्ड-डे और कोल्ड वेव जैसी स्थिति कम दिन ही देखने को मिलेगी। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो अल-नीनो और ग्लोबल वाॄमग के प्रभाव से इस तरह के हालात बन रहे हैं। इसके असर से गर्मी महीने भर पहले शुरू होने की संभावना है। जबकि मार्च मे ही अप्रेल-मई माह जैसी तेज तपिश हो सकती है। बहरहाल सर्दी तेज हो गई है, यह कब तक रहेगी और मौसम के जानकारों का अनुमान कितना सटीक रहेगा, यह आने वाला समय ही बतायेगा।
फसल चक्र प्रभावित होने का खतरा
विश्व मौसम विज्ञान संगठन के मुताबिक अल-नीनो का प्रभाव मई 2024 तक बना रहेगा। इस कारण गर्मी सभी रिकॉर्ड तोड़ सकती है। कृषि वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस बार सॢदयों के दिन कम होंगे और गर्मी के दिन बढ़ेंगे। इससे फसल चक्र प्रभावित होने का खतरा बढ़ गया है। क्षेत्र मे सबसे ज्यादा गेहूं की फसल बुवाई होती है और सर्दी अचानक कम होने से गेहूं फसल की ग्रोथ पर सबसे अधिक असर पड़ रहा है। यदि यही मौसम बना रहता है तो उपज पर 15 से 20 प्रतिशत असर पड़ सकता है। कम सर्दी मे गेहूं फसल की बढ़त रूक जाती है। इसके अलावा सर्दी कम होने का असर अन्य रबी फसलों पर भी पड़ेगा। यदि समय से पहले गर्मी आई तो इसका भी फसल पर प्रभाव पड़ेगा।
सूखे और बाढ़ का खतरा
अल-नीनो के कारण प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से ज्यादा हो जाता है। इस गर्मी की वजह से समुद्र मे चल रही हवाओं के रास्ते और रफ्तार मे परिवर्तन आता है। इससे मौसम चक्र प्रभावित होता है जिससे कई जगह सूखा पड़ता है और कई जगहों पर बाढ़ का भी खतरा है। विशेषज्ञों का कहना है कि 2024 मे अल-नीनो और ग्लोबल वाॄमग के कारण डबल स्टार की स्थिति बन रही है। इसकी गति के अध्ययन से अंदाजा लगाया जा रहा है कि अप्रेल तक इसकी सक्रियता तीखी बनी रह सकती है। अप्रेल में ही तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है। सामान्य तौर पर मैदानी क्षेत्रों में इस वक्त तापमान 34 से 36 डिग्री के बीच रहता है।
आसमान पर बादलों का डेरा
इसी के सांथ बीते दो दिनो से जिले के अधिकतर इलाकों मे बादलों ने अपना डेरा बना रखा है। जिसके चलते मौसम स्थिर बना रहा। मौसम विभाग के अनुसार अरब सागर के ऊपर बने एक वेदर सिस्टम के कारण उमरिया सहित पूरे प्रदेश भर मे इसका असर देखने को मिलेगा। हलांकि इस वेदर सिस्टम का सबसे ज्यादा असर साउथ एमपी मे रहने का अंदेशा है। इस बदलाव के कारण कई क्षेत्रों मे हल्की बारिश और गरज चमक के साथ तेज हवा और ओले पडऩे की संभावना जताई गई है।