पहली बार जागा परिवहन विभाग
तामन्नारा और ठडीपाट हादसों मे वाहनो की फिटनेस निरस्त, चालकों के लायसेंस भी किये रद्द
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
परिवहन विभाग द्वारा जिले मे लगातार हो रही दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने दो वाहनो के विरूद्ध कडी कार्यवाही की गई है। इस संबंध मे मिली जानकारी के अनुसार विभाग ने गत दिवस तामन्नारा तथा घुलघुली के पास अनियंत्रित होकर पलटे वाहनो के फिटनेस निरस्त करने के सांथ ही दोनो चालकों के लायसेंस भी रद्द करने का आदेश जारी किया है। उल्लेखनीय है कि उपरोक्त दोनो मालवाहक पिकप मे नियम विरूद्ध तरीके से दर्जनो सवारियों को लाद कर ले जाया जा रहा था। इसी दौरान वाहन पलट गये, नतीजतन इसमे सवार कई लोग बुरी तरह से घायल हो गये। इनमे कई को गंभीर चोटें भी आई हैं, जिनका उपचार किया जा रहा है।
कहां-कहां हुई दुर्घटनायें
जानकारी के अनुसार पहली घटना घुलघुली के पास हुई जिसमे वाहन क्रमांक एमपी 54 जेडए 6747 गहिराटोला से करीब 20 लोगों को बैठा कर ग्राम मरदर के लिये रवाना हुआ था। तभी ठडीपाट मोड पर चालक ने पिकप से नियंत्रण खो दिया। जिसके बाद यह वाहन कलाबाजियां खाते हुए पलट गया। हादसे के बाद मौके पर कोहराम मच गया। घटना की सूचना पाते ही 108 एंबुलेंस मौके पर पहुंची, जिसके जरिये घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। दूसरा हादसा तामन्नारा के पास हुआ, इसमे पिकप क्रमांक एमपी 20 जीए 8041 पर अनाज के सांथ कई सवारियों को लाया जा रहा था। बताया जाता है कि तेज स्पीड के चलते यह वाहन भी पलट गया। इस दुर्घटना मे करीब आधा दर्जन ग्रामीण गंभीर रूप से जख्मी हो गये।
इनको थमाया गया नोटिस
आमतौर पर अपने काम से काम रखने के लिये जाना-जाता जिले का परिवहन विभाग पहली बार सक्रिय दिखाई दिया है। इस मामले मे जिला परिवहन अधिकारी संतोष पॉल के निर्देश पर विभाग ने वाहन क्रमांक एमपी 54 जेडए 6747 मालिक शिवनारायण सिंह पिता संतराम निवासी ग्राम मरदर तहसील नौरोजाबाद जिला उमरिया तथा एमपी 20 जीए 8041 वाहन स्वामी महेन्द्र यादव पिता भोला यादव निवासी सहजनारा तहसील चंदिया जिला उमरिया की फिटनेस तथा वाहन चालकों के लायसेंस निरस्त कर दिये गये हैं।
कभी-कभी याद आती जिम्मेदारी
उल्लेखनीय है कि वर्षो से जिले की सडकों पर बाबा आदम के जमाने की पुरानी, जर्जर बसें, पिकप तथा अन्य यात्री वाहन दौड रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इनमे सुरक्षा के इंतजाम तो छोडिये सही स्टेयरिंग और ब्रेक तक नहीं है। कई वाहनो को तो ऐसे लोग चला रहे हैं, जिनके पास या तो वैद्य लायसेंस नहीं हैं या उनका नवीनीकरण नहीं कराया गया है। इसी तरह के बहुत सारे वाहन स्कूली बच्चों का परिवहन भी करते देखे जा रहे हैं। जिले के राजमार्ग तथा अन्य सडकों पर ओवर लोडिंग तथा रफ्तार का कहर बेकसूर मासूमों का जीवन लील रहा है। परिवहन विभाग ने कभी भी ऐेसे वाहनो, उनके स्वामियों या ड्रायविंग सीट पर बैठ कर कानून से खिलवाड करते हुए लोगों की जान से खेलने वाले दरिंदों पर कार्यवाही नहीं की। विभाग को उसकी जिम्मेदारी कभी-कभी उस समय याद आती है, जब प्रदेश या जिले मे कोई बडा हादसा होता है। सरकार का दबाव हटते ही पुन: नियम तोडने पर सुविधा शुल्क का तय फार्मूला लागू हो जाता है।