पशुओं के लिये वरदान बनी नेपियर घास

डोड़का मे फसल तैयार, कम लागत मे हो रहा ज्यादा उत्पादन
बांधवभूमि, रामाभिलाष त्रिपाठी
मानपुर। जनपद पंचायत मानपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत डोडका मे मनरेगा के तहत पशुओं के लिये उपयोगी नेपियर घास की खेती की जा रही है। बताया गया है कि चारागाह विकास योजना के तहत गांव की गौशाला के नजदीक 2.5 एकड़ भूमि मे उक्त घास लगाई गई है, जिस पर 7.92 लाख रूपये की लागत आई है। उक्त खेती की नकेवल जिले बल्कि प्रदेश भर मे सराहना की जा रही है। जानकारों का मानना है कि यह चारा पशुओं के लिये बेहद उपयुक्त है, इसमे बड़ी मात्रा मे प्रोटीन उपलब्ध है, जिसकी वजह से गांव के कई किसान पशुओं के लिए चारा खरीद कर ले जाते हैं। उन्होने बताया कि इस सुविधा से चारे की किल्लत दूर हुई है, वहीं पशुओं मे दूध की मात्रा बढ़ गई है। चारे के अलावा यहीं पर मुनगा की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। मुनगा मे प्रचुर मात्रा मे कैल्सियम होता है। जो दुधारू पशुओं के लिये मुफीद साबित हो रहा है।
भूसे से भी सस्ता
वर्तमान मे किसानो को 3 रुपये प्रति किलो की दर पर पर्याप्त चारा मिल रहा है, जो सूखे भूसे से भी सस्ता पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि पशुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे चारे की कमी बनी रहती है। इस समस्या का दूर करने मे नेपियर घास बड़ी भूमिका निभा सकता है। इसके उगने के बाद 3 साल तक पर्याप्त चारे की आपूर्ति हो सकती है।
संस्थान द्वारा की गई खोज
बताया गया है कि चारे की कमी की समस्या को देखते हुए राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान द्वारा इसकी खोज की गई है। इसे शंकर हाथी घास के नाम से भी जाना जाता है। इसकी खासियत यह है कि यह चारा 45 दिन मे तैयार हो जाता है। जिसके बाद 25 दिन के अंतराल मे इसकी कटाई की जा सकती है।

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