पलायन बना स्वीप प्रोग्राम मे बाधा

पलायन बना स्वीप प्रोग्राम मे बाधा

शत-प्रतिशत मतदान के लक्ष्य को साधना प्रशासन के लिये बना चुनौती, करने होंगे उपाय

बांधवभूमि न्यूज

मध्यप्रदेश, उमरिया
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर विधानसभा निर्वाचन मे मतदान के प्रतिशत को बढ़ाने के लिये जिला प्रशासन पूरी तन्मयता के सांथ जुटा हुआ है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी बुद्धेश कुमार वैद्य, पुलिस अधीक्षक श्रीमती निवेदिता नायडू, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती इला तिवारी, एडीएम शिवगोविंद मरकाम सहित विभिन्न शासकीय विभागों के आला अधिकारी जिले के दोनो विधानसभा क्षेत्रों मे जा कर मतदाताओं को जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिये कहीं ट्रेक्टर तो कहीं बाईक रैलियों का सहारा लिया जा रहा है। इतना ही नहीं गावों, कस्बों और शहरी इलाकों मे लोक कलाकार, स्कूली बच्चे और नुक्कड़ नाटककार मतदाताओं को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं, पंरतु जिले मे व्याप्त बेरोजगारी और पलायन कार्यक्रम की सफलता मे बड़ी बाधा बना हुआ है।

मजदूरी करने गये हजारों श्रमिक
एक जानकारी के मुताबिक जिले के दोनो विधानसभा क्षेत्रों से हजारों मजदूर धान आदि फसल की कटाई करने प्रदेश के अन्य जिलों मे जाते हैं। इस वर्ष भी कई ग्रामीण सागर, दमोह, इटारसी आदि जिलों मे हैं। हलांकि प्रशासन उम्मीद कर रहा है कि दीपावली पर मजदूर अपने घर वापस लौटेंगे, तब उन्हे वोटिंग तक रोक लिया जायेगा। जबकि जानकारों का मानना है कि धान की कटाई का काम नवंबर के आखिर तक चलेगा। ऐसे मे त्यौहार पर मजदूरों के लौटने की उम्मीद बेहद कम है।

कलेक्टरों को निर्देशित करे आयोग
जिले के राजनेताओं का कहना है कि चुनाव आयोग द्वारा प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देशित किया जाना चाहिये कि वे बाहर के मजदूरों को वोटिंग के लिये अपने जिलों मे जाने के लिये कहें, तभी यह समस्या हल हो सकती है। गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन मतदान का प्रतिशत विगत चुनाव की अपेक्षा बेहतर करने के लिये हर संभव कोशिश कर रहा है। आयोग ने इस मुहिम को ‘स्वीप’ का नाम दिया है। इस प्रोग्राम के तहत दोनो विधानसभा क्षेत्रों के कुछ मतदान केन्द्रों को चिन्हित किया गया है। जहां शत-प्रतिशत वोटिंग का लक्ष्य है। इस टारगेट का पूरा करने के लिये संबंधित बूथ के मतदाओं का मतदान के दिन अपने गांव अथवा घर मे होना जरूरी है।

सचिव-रोजगार सहायकों को दिये निर्देश
निवार्चन आयोग द्वारा दिव्यांग, बुजुर्ग व धात्री मतदाताओं को विशेष सुविधा प्रदान की जा रही है, ताकि वे अपने मत का उपयोग कर सकें। जिले मे 10 ऐसे मतदान केंद्र है जहां विगत चुनाव मे 90 प्रतिशत से ऊपर मतदान हुआ था, वहां जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस क्षेत्र के लोग खेती के सीजन मे परंपरागत रूप से मजदूरी करने अन्य जिलों मे जाते है। उनकी पहचान की गई है। संबंधित ग्राम पंचायत सचिव तथा रोजगार सहायकों से दीपावली पर उन्हें मतदान के लिये वापस बुलाने तथा काम के अवसर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये है। ताकि वे मतदान कर सकें और उन्हे मजदूरी भी मिल जाय।
इला तिवारी
सीईओ
जिला पंचायत, उमरिया

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