पुलिस अधिकारियों को दी जा रही दण्ड संहिता मे बदलाव की जानकारी

पुलिस अधिकारियों को दी जा रही दण्ड संहिता मे बदलाव की जानकारी

जिले मे प्रशिक्षण का पहला चरण संपन्न, देश भर मे एक जुलाई से लागू होगा नया कानून

बांधवभूमि

मध्यप्रदेश

उमरिया
केन्द्र सरकार द्वारा भारतीय दण्ड एवं दण्ड प्रक्रिया संहिता मे कई बदलाव किये गये हैं। परिवर्तित आईपीसी तथा सीआरपीसी देश भर मे आने वाली एक जुलाई से लागू हो जायेगी। जिसकी विस्तृत जानकारी देने पुलिस अािधकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिले मे यह कार्य तीन चरणों मे किया जाना है। इसके लिये अधिकारियों के अलग-अलग तीन बैच बनाये गये हैं ताकि विभागीय कार्य प्रभावित हुए बिना सभी को प्रशिक्षित किया जा सके। गत 26 मई से शुरू हुआ पहला तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मंगलवार को संपन्न हो गया। जिसमे जिले के कई प्रधान आरक्षण और थाना प्रभारियों को नये नियमो व संहिता से अवगत कराया गया। जानकारी के अनुसार प्रशिक्षण का दूसरा चरण 29 से 31 मई तथा तीसरा व अंतिम चरण 6 से 8 जून के बीच आयोजित किया जायेगा।

कई महीनो से चल रही प्रक्रिया
गौरतलब है कि बीते साल केन्द्र सरकार द्वारा आईपीसी और सीआरपीसी मे बडे बदलावों का प्रस्ताव संसद मे पेश किया गया था। जिसे मंजूरी मिलने के बाद अब इसे देश मे लागू किया जाना है। सूत्रों के मुताबिक कानून मे हुये परिवर्तनो को लेकर राजधानी भोपाल मे तैयारियां विगत 6-7 महीनो से चल रही है। इसके लिये प्रत्येक जिले मे मास्टर ट्रेनर्स तैयार किये गये हैं, जो अपने-अपने जिलों मे अधिकारियों को ट्रेण्ड करेंगे। बताया गया है कि जिले की प्रशिक्षण टीम मे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिपाल सिंह प्रजापति, मास्टर ट्रेनर एवं एसडीओपी नागेन्द्र प्रताप सिंह के अलावा दो सहायक अभियोजन अधिकारियों को शामिल किया गया है, जो थाना प्रभारियों और प्रधान आरक्षकों को नये बदलावों की विस्तृत जानकारी दे रहे हैं।

बदल जायेंगी धारायें, दण्ड और नाम


जानकारी के अनुसार केन्द्र द्वारा किये गये आमूल-चूल परिवर्तन के बाद आगामी एक जुलाई से देश मे नये कानून लागू होते ही धाराओं के नंबर, दण्ड के अलावा प्रक्रियाओं के नाम भी बदल जायेंगे। अभी तक भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानी जाती आईपीसी अब भारतीय न्याय संहिता 2023 हो जायेगी। जबकि सीआरपीसी अर्थात दंड प्रक्रिया संहिता 1898 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 तथा साक्ष्य अधिनियम 1872 को भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के नाम से पढा व समझा जायेगा। अभी तक आईपीसीसी मे 511 धाराएं थीं। इसकी जगह भारतीय न्याय संहिता मे सिर्फ 356 धाराएं बचेंगी। यानी 175 धाराएं बदल दी जाएंगी। 8 नई जोड़ी जाएंगी, 22 धाराएं खत्म होंगी। इसी तरह सीआरपीसी मे 533 धाराएं ही बचेंगी। 160 धाराएं बदलेंगी, 9 नई जुड़ेंगी, 9 खत्म होंगी। अब पूछताछ से ट्रायल तक वीडियो कॉन्फ्रेंस से करने का प्रावधान होगा, जो पहले नहीं था। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब ट्रायल कोर्ट को हर फैसला अधिकतम 3 साल मे देना होगा।

55 अधिकारी लेंगे प्रशिक्षण
जिले मे तीन चरणो मे तीन-तीन दिनो की प्रशिक्षण कार्यशालायें आयोजित की जा रही, ताकि कार्य प्रभावित हुए बिना कोई भी अधिकारी प्रशिक्षण से वंचित न रहे। इस दौरान बारी-बारी से विभिन्न थाना-चौकियों मे पदस्थ लगभग 55 थाना प्रभारियों तथा प्रधान आरक्षकों को कानून मे हुए बदलावों की जानकारी दी जायेगी।
प्रतिपाल सिंह महोबिया
अति.पुलिस अधीक्षक, उमरिया 

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