प्रतिदिन होगा अस्पताल का निरीक्षण
कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने सप्ताह भर के लिये लगाई वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन द्वारा जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। बीते दिनो समीक्षा बैठक मे उन्होने इसे लेकर विशेष दिशा-निर्देश दिये थे। अब बकायदा आदेश जारी कर वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। जो सप्ताह के सातों दिन जिला अस्पताल का निरीक्षण कर वहां समस्त आवश्यक व्यवस्थाओं की दुरूस्तगी सुनिश्चित करेंगे। आदेश के मुताबिक जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभय सिंह ओहरिया सोमवार, अपर कलेक्टर शिवगोविंद सिंह मरकाम मंगलवार, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बांधवगढ श्रीमती रीता डेहरिया बुधवार, वरिष्ठ कोषालय अधिकारी अखिलेश पांडेय गुरूवार, प्रभारी डिप्टी कलेक्टर श्रीमती मीनाक्षी बंजारे शुक्रवार, डिप्टी कलेक्टर अंबिकेश प्रताप सिंह शनिवार तथा डिप्टी कलेक्टर सुश्री हरनीत कौर कलसी रविवार को जिला अस्पताल का निरीक्षण करेंगे।
ये इंतजाम रहें सुचारू
बताया गया है कि ये अधिकारी प्रतिदिन अस्पताल की पडताल कर मरीजों को चिकित्सकीय सुविधायें समय पर बिना किसी परेशानी के उपलब्ध किये जाने पर नजर रखेंगे। कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा है कि निरीक्षण के दौरान यह देखा जाय कि वार्डो मे अच्छे बेड और धुली हुई बेड शीट हों, टूटे-फूटे पंलग नही हों, मरीजों के उपयोग आने वाली व्हील चेयर तथा अन्य उपकरण सही हालत मे हों, पलंग जंग लगे नही होने चाहिए। वार्डो के सीलिंग फेन, कूलर, ट्यूब लाईट, स्वीच आदि पर्याप्त संख्या मे और चालू हालत मे हों, ताकि रोशनी की कमी नही हो। अस्पताल मे ठंडे पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था रहे। पानी के टंकी की साफ-सफाई अनिवार्य रूप से कराई गई हो, बाथरूम व टायलेट साफ सुथरे हों, टाईल्स इत्यादि टूटी नही हों, बाथरूम मे पानी की सप्लाई चालू रहे, शौचालयों की नियमित सफाई हो, दिन मे दो से तीन बार अस्पताल परिसर मे सफाई की व्यवस्था की जाय ताकि गुणवत्ता बनी रहे। निरीक्षण के दौरान यह भी देखा जाए कि मरीजों को मीनू के अनुसार भोजन मिला या नही। बायोवेस्ट के डिस्पोजल पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। डायलिसिस वार्ड मे पर्याप्त सुविधा एवं इंतजाम सुनिश्चित किये जांय।
देखी जायेगी स्टाफ की उपस्थिति
निरीक्षण के दौरान अस्पताल के अधिकारी एवं मेडिकल स्टाफ की उपस्थिति का आवश्यक रूप से निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। उन्होने अधिकारियों से कहा है कि बिना कारण के अनुपस्थित पाये जाने वाले डाक्टर और सपोर्ट स्टाफ के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करें। ओपीडी मे डाक्टरो की उपस्थिति निर्धारित समय तक हो, यह सुनिश्चित किया जाय। प्रत्येक दिवस डाक्टर व सपोर्ट स्टाफ की ड्यूटी चार्ट सर्व दृष्टया स्थलो मे प्रदर्शित की जाय। निरीक्षण करने वाले अधिकारी जिला चिकित्सालय मे संधारित निरीक्षण रजिस्टर मे प्रत्येेक दिन निरीक्षण टीप तथा पाई गई कमियों को सुधारने के निर्देश भी अंकित करें।
धांधली का अड्डा बना सीएमएचओ ऑफिस
जिले की लचर स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध मे लगातार शिकायतें आती रहती हैं, परंतु जिले मे बैठे वरिष्ठ अधिकारी कोई कार्यवाही नही करते। हर मांह लाखों का वेतन, बंगला और नौकर-चाकर की सुविधा भोगने वाले इन अधिकारियों का सारा ध्यान केवल हेराफेरी मे लगा रहता है। सीएमएचओ कार्यालय तो धांधली का अड्डा बन गया है। घोटालों और फर्जीवाडे की काली कमाई ने साहब और विभाग के बाबुओं को करोडों का आसामी बना दिया है। सरकार की महात्वाकांक्षी योजनाओं और जनता की सुविधाओं के लिये आया सारा बजट भ्रष्ट अधिकारियों और बाबुओं के पेट मे जा रहा है, यही कारण है कि करोडों रूपये आवंटित होने के बाद भी जिले के अस्पताल आभाव से गुजर रहे है।
कार्यवाही की चहुंओर प्रशंसा
कलेक्टर के इस पहल की चहुंओर प्रशंसा हो रही है। दरअसल जिला अस्पताल सहित जिले के सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों मे स्वास्थ्य सेवायें बुरी तरह चरमराई हुई हैं। वहां न तो स्टाफ मौजूद रहता है, नां ही दवा और अन्य सुविधायें। आपात स्थिति मे लाये गये मरीज घंटों दर्द और पीडा से कराहते रहते हैं, उनकी हालत से बेचैन परिजन डाक्टरों के रूम का दरवाजा पीटते रह जाते हैं, पर उनके कानो मे जूं तक नहीं रेंगती। आये दिन इलाज के आभाव मे लोग अपनी जान गवां देते। यह पहला मौका है जब जिले के मुखिया ने जनता से जुडे इस अत्यंत संवेदनशील मामले मे नकेवल व्यक्तिगत रूचि ली है, बल्कि पूरी व्यवस्था पर चौकस नजर रखने के लिये प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को भी तैनात कर दिया है। नागरिकों का मानना है कि निश्चित ही इसके सुखद और दूरगामी परिणाम सामने आयेंगे।