पट्टा निरस्त, पर खसरे मे आज भी भू स्वामी

पट्टा निरस्त, पर खसरे मे आज भी भू स्वामी
पटवारियों की मिलीभगत से हुई धांधली, सैकड़ों एकड़ पर काबिज हैं भूमाफिया
बांधवभूमि, उमरिया
जिले की मानपुर तहसील अंतर्गत शासकीय भूमि को फर्जी तरीके से अपने नाम कराने के अनेक किस्से सामने आ चुके हैं। इनमे कई धांधलीबाज जेल की हवा खा कर लौटे हैं, और कई पर आज भी तलवार लटक रही है। इसके बावजूद शासकीय अमला व दलालों का गठजोड़ फर्जीवाड़े मे जुटा हुआ है। इन्हे ना तो कानून का कोई भय है और नां ही कार्यवाही की चिंता। खुद तहसील मुख्यालय के आसपास बिजौरी सहित कई ग्रामो मे पटवारियों द्वारा वर्षो पूर्व रसूखदारों से पैसे लेकर गैरकानूनी ढंग से नकेवल शासकीय भूमि पर उनका मालिकाना हक दर्ज कर दिया बल्कि पट्टे भी बना दिये गये हैं।
20 वर्ष तक चला खेल
जानकारों का कहना है कि सरकारी जमीन पर पट्टे बनाने का खेल 1994 के आसपास शुरू हुआ था, जो कि 2012-13 तक बेरोकटोक चलता रहा। इस दौरान विशेषकर पटवारियों ने हजारों एकड़ सरकारी जमीने माफियाओं के हवाले कर दीं। इसके लिये कूटरचित दस्तावेज तैयार किये गये। इतना ही नहीं 58-59 तथा उससे पूर्व की खतौनियों मे भी भारी छेडख़ानी की गई।
पनवाड़ी भी बन गये जमींदार
मैन्युअल तरीके से चल रही कागजी कार्यवाही और मौके का फायदा उठा कर भ्रष्ट राजस्व अधिकारियों ने इस कारोबार मे खूब धन बटोरा। कई ने तो अपने रिश्तेदारों को दोनो हाथों से भूदान किया। बताया जाता है कि कभी मानपुर मे पान बेंच कर और सड़कों के किनारे ठेले लगाकर बमुश्किल जीवनयापन करने वाले लोग आज की तारीख मे 100-100 एकड़ के जमींदार बने घूम रहे हैं।
जांच मे सामने आया फर्जीवाड़ा
बताया जाता है कि करीब 20 वर्षो तक फर्जी तरीके से शासकीय भूमि के पट्टे बनाने और लोगों के नाम राजस्व अभिलेखों मे दर्ज करने के मामलों का खुलासा होने के बाद करीब 10 वर्ष पूर्व फाईलें खोली गई थी। संबंधित किसानो को धारा 118 के तहत नोटिस जारी कर जवाब तलब हुए। जांच के बाद सैकड़ों के पट्टे खारिज कर दिये गये परंतु खसरों मे आज भी वे भू स्वामी बने हुए हैं। बताया जाता है कि इनमे से अधिकांश लोग सरकारी जमीनो पर अभी तक काबिज हैं।
अभियान चला कर हटायेंगे नाम
रिकार्ड मे हेराफेरी कर बनवाये गये पट्टे खारिज कर दिये गये हैं। अब राजस्व विभाग अभियान चला कर ऐसे लोगों के नाम खसरों से हटाने मे जुटा हुआ है। शासकीय भूमि पर काबिज लोगों को भी बेदखल किया जायेगा।
सिद्धार्थ पटेल
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व)
मानपुर

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