पटवारियों ने किया काम बंद-कलम बंद, बस्ता किया जमा

उमरिया। मंगलवार से जिले के पटवारी काम बंद कलम बंद हड़ताल पर चले गए हैं। उन्होंने अपने बस्ते तहसील मे जमा करा दिए हैं और बस्ता जमा कराने का पत्र भी सौंप दिया है। इस बारे में जाकनारी देते हुए पटवारी संघ के जिला अध्यक्ष नरनारायण सिंह ने बताया कि पटवारियों ने अपनी आवश्यक और उचित मांगों को शासन और प्रशासन के सामने रखकर अपने आंदोलन की रूपरेखा से पहले ही अवगत करा दिया था। 26 जून को पटवारियों ने जिला प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में यह स्पष्ट कर दिया था कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वे क्रमबद्ध ढंग से आंदोलन की तरफ बढ़ते जाएंगे। उमरिया मे जिला पटवारी संघ के अध्यक्ष नर नारायण सिंह के नेतृत्व मे पटवारियों ने जिला प्रशासन को सौंपे गए ज्ञापन में पटवारियों का ग्रेड पे सहित कई अन्य मांगे शामिल की थी।
यह हैं मांग
पटवारियों ने ज्ञापन मे मांग रखी है कि पटवारियों का ग्रेड पे 2800 किया जाए और समयमान वेतनमान की विसंगतियों को दूर किया जाए। इस ज्ञापन मे समयमान और वेतनमान की विसंगतियों को विस्तार से समझाया गया है और उसमें सुधार के लिए क्या किया जा सकता है इस पर भी सुझाव दिया गया है। पटवारियों ने अपनी दूसरी मांग गृह जिले में पदस्थापना की रखी है। पटवारियों का कहना है कि पटवारियों की नई भर्ती प्रदेश स्तर पर की गई है जबकि पटवारी का पद जिला स्तरीय है तथा कई जिलों के विखंडन किए जाने के फ लस्वरुप वर्तमान में नवनियुक्त कई पटवारी अपने गृह जिले मे लगभग 800 किलोमीटर दूर तक पदस्थ हैं। दूरी अधिक होने के कारण पटवारियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए पटवारियों को उनके गृह जिले में ही पदस्थापना दिए जाने की मांग की जा रही है। पटवारियों ने यह मांग भी की है कि नवीन पटवारियों की सीपीसीटी के अनिवार्यता संबंधी नियम को समाप्त किया जाए। ज्ञापन में कहा गया है कि वर्तमान मे नवनियुक्त पटवारियों मे से लगभग 75 प्रतिशत पटवारियों द्वारा सीपीसीटी परीक्षा उत्तीर्ण की जा चुकी है। कोरोना के कारण प्रदेश स्तर पर विगत 2 वर्षों से उपरोक्त परीक्षा शासन से ना होने से लगभग 25 प्रतिशत पटवारियों को बैठने का अवसर ही प्राप्त नहीं हुआ है। जबकि प्रदेश मे समस्त नवनियुक्त पटवारियों द्वारा विभागीय कार्य ऑनलाइन रूप से कुशलता व पूर्ण क्षमता से संपादित किया जा रहा है। इसलिए सीपीसीटी परीक्षा की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए।
जून से चालू आंदोलन
मध्य प्रदेश स्तर पर पटवारी संघ ने आंदोलन की रूपरेखा तय कर ली थी और इसके लिए जून मे ज्ञापन भी सौंप दिया था। इस रूपरेखा के अनुसार ही जिला स्तर पर ज्ञापन सौपे गए थे। तय कार्यक्रम के अनुसार पटवारियों ने 7 जुलाई को सारा ऐप से लॉगआउट होकर मोबाइल से इंस्टॉल किया था। 7 जुलाई से 9 जुलाई तक काली पट्टी व काला मास्क लगाकर पटवारी काम करते रहे। 12 जुलाई से भूअभिलेख को छोड़कर समस्त कार्य का बहिष्कार पटवारियों ने कर दिया था। 2 अगस्त से 4 अगस्त तक पटवारी सामूहिक अवकाश पर थे और इस दौरान रैली भी निकाली गई थी। इन 3 दिनों में राजस्व का काफ ी कार्य प्रभावित हुआ था। 3 अगस्त से जिला स्तर पर रैली निकालकर ज्ञापन सौंपा गया था। 5 अगस्त को सारा वेब पोर्टल रेप जीआईएस सहित समस्त ऑनलाइन कार्य का बहिष्कार पटवारियों ने कर दिया था। 10 अगस्त को पटवारी अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल पर चले गए। साथ में पटवारियों ने यह भी बताया है कि उक्त समस्त
कार्यक्रम शासन की कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए किया जा रहा है।

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