पकड़े गये तेंदुए के शिकारी

बांधवगढ़ पार्क अमले ने दबोचे तीन आरोपी, पुराने शिकार का भी हुआ खुलासा
बांधवभूमि, उमरिया
जिले के राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ मे गत दिवस तेंदुए के शिकार मामले मे पार्क अमले ने तीन आरोपियों को धर दबोचा है। आरोपियों के नाम बिहारी लाल पिता गडरी केवट 55, शिवप्रसाद पिता प्रेमलाल केवट 25 वर्ष और विश्वनाथ पिता बारे लाल केवट 35 वर्ष निवासी ग्राम हरदी बताये गये हैं। इनमे से विश्वनाथ पर 5 वर्ष पूर्व एक नीलगाय को मारने का आरोप है। जो कि काफी दिनो बाद जेल से बाहर आया है। उल्लेखनीय है कि बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के पनपथा कोर क्षेत्र अंतर्गत चितरांव बीट मे गुरुवार की रात एक वयस्क तेंदुआ चौकी के पास गंभीर रूप से घायल हालत मे मिला था। अमले की सूचना पर उद्यान के अधिकारियों एवं पशु चिकित्सा विशेषज्ञों ने मौके पर पहुंच कर घायल तेंदुए का इलाज शुरू किया परंतु उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
गले मे फंसा था फंदा
बताया गया है कि घायल तेंदुए के गले मे जीआई तार का फंदा पड़ा हुआ था। जिससे साफ है कि वह जंगल मे शिकारियों द्वारा फैलाये गये जाल मे फंस कर जख्मी हुआ था। सूत्रों का कहना है कि फंदे मे फंसने के बाद तेंदुआ घंटों तक उससे छूटने की कोशिश करता रहा। इस दौरान उसके चीखने की आवाजें भी लगातार आती रहीं पर वह पार्क के कर्मचारियों के कानो तक नहीं पहुंची। फंदे से मुक्त होने के चक्कर मे तेंदुए के गले और शरीर के कई स्थानो पर गहरे जख्म हो गये। जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई।
डाक स्क्वाड ने खोजे शिकारी
घटना के बाद डाक स्क्वाड की मदद से जांच शुरू की गई। जिनकी शिनाख्त पर जल्दी ही आरोपियों का सुराग मिल गया। तीनो आरोपियों के विरुद्ध वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। अधिकारियों ने बताया है कि गिरफ्तार आरोपियों को जल्दी ही न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा।
खतरे मे दुर्लभ वन्य जीव
गुरूवार की रात तेंदुए के शिकार और उसके आरोपियों की शिनाख्त ने एक बार फिर बांधवगढ़ नेशनल पार्क मे शिकारियों के सक्रिय होने की पुष्टि कर दी है। इससे पहले 9 जनवरी को पनपथा मे बाघ के दांत और नाखून के सांथ 3 तस्कर पकड़े गये थे। इससे वन्य जीव प्रेमियों की चिंतायें बढ़ गई है। उनका मानना है कि यह कटनी से उमरिया और शहडोल जिलों तक फैले बांधवगढ़ के कोर, बफर और सामान्य वन मण्डल के जंगलों मे विचरण करने वाले दुर्लभ वन्य जीवों के लिये खतरे की घंटी है। यदि समय रहते इस संबंध मे ठोस कदम नहीं उठाये गये तो हालात गंभीर होने मे देर नहीं लगेगी।

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