पकड़ा गया एक और जंगली हांथी
बांधवगढ़ के रेस्क्यू दल ने सोन नदी के पार किया सफल आपरेशन
बांधवभूमि न्यूज, रामभिलाष त्रिपाठी
मध्यप्रदेश
उमरिया
जिले के नगर परिषद मानपुर अंतर्गत खुटार क्षेत्र मे विगत महीने अरूणोदय पयासी पिता कृष्णपाल नामक किसान को मौत की घाट उतारने सहित कई घटनाओं को अंजाम देने वाले जंगली हांथी को अंतत: सीखचों के पीछे पहुंचा दिया है। तीन दिन तक चले इस अभियान मे पार्क के दल को बड़ी मशक्कत के बाद शनिवार की सुबह आखिरकार सफलता मिल ही गई। हांथी को सोन नदी के पार उत्तर वन मंडल शहडोल के जयसिंहनगर परिक्षेत्र की वनचाचर बीट मे घेर कर पकड़ा गया। रेस्क्यू किये गये हांथी को फिलहाल बांधवगढ़ मे रखा गया है। अधिकारियों ने बताया है कि अभी हांथी को अन्यंत्र भेजने का कोई निर्देश नहीं मिला है। वहीं सूत्रों के मुताबिक इसे नेशनल पार्क मे ही प्रशिक्षित किया जा सकता है। यदि ऐसा हुआ तो यह पार्क का एक और नन्हा हांथी कहलायेगा। वर्तमान मे दो वर्षीय गायत्री उद्यान की सबसे छोटी हथिनी है। जबकि नये मेहमान की उम्र महज 8 से 10 साल बताई जा रही है।
अभियान मे लगे 6 हांथी और 38 कर्मी
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गौरतलब है कि बांधवगढ़ की टीम धीरे-धीरे ऐसे चुनौतीपूर्ण अभियानो की अभ्यस्त होती जा रही है। विगत दिनो इसी दल ने अनूपपुर के दुर्दान्त जंगली हांथी को दबोचा था। शनिवार को खत्म हुए अभियान का नेतृत्व नेशनल पार्क के सीएफ एलएल उईके, उप संचालक पीके वर्मा और शहडोल डीएफओ गौरव चौधरी ने किया। वहीं दल मे पार्क के मंझे हुए हांथियों गौतम, सुंदरगज, श्याम, लक्ष्मण, बांधवी और सूर्या के अलावा डॉ. नितिन गुप्ता, डॉ. अभय सेंगर (संजय टाईगर), अमूल रोकड़े (जबलपुर), रेस्क्यू प्रभारी एसडीओ बीएस उप्पल, मुकुल सिंह ठाकुर, आरओ मानपुर मुकेश सिंह अहिरवार, शील सिंधु, दिनेश पटेल (जयसिंहनगर), तरूणेन्द्र सिंह, महावत सुखराम बैगा, नीलम सिंह, लालजी बैगा, रामदीन बैगा, रामचरण बैगा, प्रेमलाल बैगा, गुलजार सिंह, हाकिम सिंह, रूपेश तिवारी, दुर्गेश यादव, मनबोध सिंह, श्रीलाल यादव सहित कुल 38 लोग शामिल थे।
गश्ती दल पर झपटा बाघ
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा परिक्षेत्र मे शनिवार को एक बाघ ने गश्ती दल पर हमला कर दो कर्मचारियों को घायल कर दिया है। बताया गया है कि यह दल रोज की तरह अपने काम मे लगा हुआ था, इसी दौरान हरदी बीट के जंगल मे छिपा बाघ अचानक निकला और श्रमिक रामखेलावन तथा चूड़ामणि केवट पर झपट पड़ा। श्रमिकों ने बताया है कि बाघ ने एक श्रमिक के सीने मे पंजे से हमला किया तथा उसके हांथ को जबड़े मे दबोच लिया। यह देख कर अन्य श्रमिक जोर-जोर से शोर मचाने लगे। जिस पर बाघ उन्हे छोड़ कर भाग खड़ा हुआ। दोनो श्रमिकों का मानपुर अस्पताल मे इलाज चल रहा है।
पनपथा मे मिला एक और बाघ का शव
राष्ट्रीय उद्यान मे बाघों की मौत का सिलसिला जारी है। शनिवार को पनपथा रेंज की पिटौर बीट मे लगभग 2 साल आयु के एक बाघ का शव मिला है। बताया गया है कि मृत बाघ का शव करीब एक सप्ताह पुराना था। प्रबंधन के मुताबिक घटना की सूचना के बाद इलाके मे सर्चिन्ग कराई गई, जिसमे पास ही एक अन्य बाघ की मौजूदगी के साक्ष्य मिले हैं। अनुमान है कि आपसी मुठभेड़ मे बाघ की मृत्यु हुई है। पीएम के बाद शव को जला कर नष्ट कर दिया गया है।