पंचायत मे काम कर रहे बाल मजदूर
बांधवभूमि, हुकुम सिंह
नौरोजाबाद। एक ओर जहां सरकार नौनिहालों के लिये विशेष योजनायें संचालित कर उन्हे शिक्षा के लिये प्रेरित करने की बात करते नहीं थकती। वहीं दूसरी ओर तहसील क्षेत्र मे मजदूरी कर रहे बच्चों की तस्वीरें इन सारे दावों की पोल खोलती नजर आ रही है। बताया जाता है कि ग्राम पंचायत चंगेरा के सरपंच द्वारा गांव के बच्चों से नकेवल मजदूरी कराई जा रही है, बल्कि ऐसे खतरनाक कामो मे लगाया गया है, जिससे उनकी जान को खतरा बना हुआ है। सूत्रों के मुताबिक पंचायत के सचिव और सरपंच द्वारा गांव मे विगत 3 महीनों से मनरेगा के तहत एक तालाब का निर्माण करवाया जा रहा है। तालाब की पिचिंग मे लगने वाली गिट्टी और बोल्डर भी वहीं से निकाल कर लगाया जा रहा है। इस काम के लिये मजदूरों को प्रतिदिन की मजदूरी महज 140 रुपए मिल रही है। मजदूरों ने बताया है कि उन्हे सुबह 6 बजे काम पर बुलाया जाता है और दोपहर 12 से 3 बजे तक विश्राम के बाद शाम 7 बजे तक काम कराया जाता है। इन मजदूरों मे 14 से 16 साल उम्र के कई बच्चे भी शामिल हैं। गौरतलब है कि प्रदेश मे बाल मजदूरी एक अपराध है। ऐसा करने वालों के विरूद्ध कठोर दण्ड का प्रावधान भी है, परंतु सरपंच और सचिव इसकी परवाह किये बगैर खुलेआम बाल मजदूरी कराई जा रही है।