कोर्ट ने स्वीकार की याचिका, पहले और दूसरे चरण का नामांकन शुरू
भोपाल। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 13 दिसंबर को सुनवाई हुई। कोर्ट ने 14 दिसंबर की अगली तारीख दी है। सुनवाई मंगलवार दोपहर 2 बजे होगी। मप्र हाईकोर्ट के चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार करने पर कांग्रेस ने देश की शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया है। ग्वालियर खंडपीठ का निर्णय आने के बाद कांग्रेस नेता सैयद जाफर और जया ठाकुर ने 7 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका की पैरवी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता वरुण ठाकुर कर रहे हैं। वहीं, मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले और दूसरे चरण के लिए नामांकन शुरू हो गया है। उम्मीदवारों को नामांकनपत्र के साथ शपथपत्र देना होगा। इसमें कोई शुल्क बकाया नहीं होने संबंधी प्रमाण पत्र देना जरूरी है। यानी विभिन्न टैक्स भुगतान के साथ बिजली के नोड्यूज भी जरूरी है। इसके लिए सभी बिजली कंपनियां विशेष काउंटर बना रही हैं। जिस नामांकनपत्र के साथ यह प्रमाणपत्र नहीं होगा, उसे निरस्त कर दिया जाएगा। हालांकि, राज्य निर्वाचन आयोग ने इतनी सहूलियत दी है कि प्रमाण पत्र, नामांकन पत्रों की जांच के समय तक प्रस्तुत किया जा सकता है।
70 करोड़ से ज्यादा खर्च करेगा आयोग
मध्यप्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग 70 करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च करेगा। हर ब्लॉक के जनप्रतिनिधि चुनने में राज्य निर्वाचन आयोग की औसतन 22 लाख रुपए से ज्यादा राशि खर्च होगी। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव में 2 करोड़ 2 लाख से अधिक मतदाता हैं। हर वोटर पर राज्य निर्वाचन आयोग करीब 35 रुपए खर्च करेगा। चुनाव के दौरान 6 जिलों में सबसे ज्यादा खर्च आएगा। धार, खरगोन, बालाघाट, सागर, सतना और रीवा में सबसे ज्यादा खर्च होगा। इन जिलों में ही सबसे ज्यादा देहाती इलाके, अतिसंवेदनशील और संवेदनशील मतदान केंद्र हैं।
कैंडिडेट का प्रमाणपत्र देना जरूरी
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव बीएस जामोद ने बताया कि उम्मीदवार जिस पंचायत के लिए नामांकन भर रहा है, उस पंचायत से संबंधित कोई शुल्क बकाया नहीं होने का प्रमाण पत्र लगाना होगा। यह निर्वाचन की घोषणा के पूर्व के वित्तीय वर्ष तक का प्रस्तुत करना होगा। ग्राम पंचायत के लिए सचिव, जनपद पंचायत के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत और जिला पंचायत के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। ऐसे उम्मीदवार, जिनके नाम पर कोई बिजली कनेक्शन नहीं है, उनके संबंध में विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा यह प्रमाण पत्र दिया जाएगा कि हमारा कोई बकाया नहीं है।
जिला पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण 18 को
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण प्रक्रिया 14 दिसंबर की जगह 18 दिसंबर को होगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सोमवार को आरक्षण का कार्यक्रम स्थगित कर दिया। जिला पंचायत अध्यक्ष के पद के आरक्षण के संबंध में पंचायत राज संचालनालय ने कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए थे। इसमें कहा गया कि 14 दिसंबर को अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सभी वर्गों में महिलाओं के लिए आरक्षण की प्रक्रिया भोपाल में लॉटरी निकाल कर होगा। अब इसकी तारीख 18 दिसंबर कर दी है।