भोपाल । मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के संबंध में दायर याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रविविजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने अर्जेंट सुनवाई के आवेदन को खारिज करते हुए पूर्व निर्धारित तिथि 3 जनवरी को सुनवाई के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने पंचायत चुनाव को लेकर वर्तमान में चल रही प्रक्रिया पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई है। इससे साफ है कि अगली सुनवाई तक पंचायत चुनाव के नामांकन सहित चुनाव चिन्ह के आवंदन आदि की प्रक्रिया यथावत जारी रहेगा। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ने एमपी सरकार द्वारा अध्यादेश लाकर 2014 के आरक्षण के अनुसार परिसीमन और चुनाव कराने की वैधानिकता को चुनौती दी और तत्काल सुनवाई की मांग की। पर कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इंकार करते हुए 3 जनवरी को अगली तारीख नियत कर दी। गौरतलब है कि भोपाल निवासी मनमोहन नायर तथा गाडरवाडा निवासी संदीप पटैल सहित अन्य पांच याचिकाओं में तीन चरणों में होने वाले मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है राज्य सरकार ने पूर्व में तय आरक्षण लागू कर चुनाव करवाने के संबंध में अध्यादेश पारित किया है। सरकार द्वारा उक्त अध्यादेश कांग्रेस शासनकाल में निर्धारित आरक्षण को निरस्त कर लागू किया गया है। प्रदेश सरकार का उक्त अध्यादेश पंचायत चुनाव एक्ट का उल्लंघन करता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था हाई कोर्ट जाएं
त्रिस्तरीय पंचायत को लेकर दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले को एक बार फिर से चीफ जस्टिस ऑफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट को ही सुनवाई कर निर्णय देने को कहा था। मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव में सरकार द्वारा रोटेशन के आधार पर आरक्षण नहीं करने को चुनौती देने रिट पिटीशन दाखिल किया गया था। वर्ष 2014 के आरक्षण आधार पर बिना रोटेशन निर्वाचन कराने वाली याचिका पर हाईकोर्ट दखल देने से पूर्व में इंकार कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गुरुवार को जबलपुर हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के लिए याचिका लगाई गई थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हिमांशु मिश्रा की ओर से गुरुवार को हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत होकर आवेदन पेश किया गया। उनकी ओर से मामले में तत्काल सुनवाई की अपील की गई थी।
तत्काल सुनवाई की मांग को किया खारिज
दलील दी गई कि धारा 243(ओ) के तहत एक बार चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद चुनाव में दखल न देने का प्रावधान है, लेकिन विशेष परिस्थितियों या संविधान का पालन न होने पर अदालत दखल दे सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने मराठा रिजर्वेशन मामले में फिर से अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए हैं, उसी तरह यहां भी निर्णय हो सकता है। पर चीफ जस्टिस ने तत्काल सुनवाई की मांग खारिज करते हुए 3 जनवरी को सुनवाई की अगली तारीख तय कर दी।
प्रदेश में जारी है पंचायत चुनाव की प्रक्रिया
प्रदेश में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया जारी है। चुनाव के पहले और दूसरे चरण के लिए अभ्यर्थियों के नामांकन पत्र जमा किए जा रहे हैं। पहले और दूसरे चरण के लिए नामांकन पत्र 20 दिसंबर तक जमा होंगे। जिला पंचायत अध्यक्ष पदों का आरक्षण होना है।
पंचायत चुनाव पर रोक लगाने संबंधी याचिका पर 3 जनवरी को होगी सुनवाई
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