निठारी कांड के 12वें मामले नौकर सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा

गाजियाबाद । गाजियाबाद कीस्पेशल सीबीआई कोर्ट ने नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड में 319 दिन की सुनवाई के बाद युवती से दुष्कर्म और हत्या से जुड़े 12वें मामले दोषी करार देकर नौकर सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने उस पर एक लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं, सजा सुनने के बाद सुरेंद्र कोली ने सुरक्षा कर्मियों से कहा कि मेरे नसीब में फांसी ही है। विशेष न्यायाधीश अमित वीर सिंह की अदालत में सुबह 11 बजे डासना जेल से सुरेद्र कोली को पेश किया गया। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक जे.पी. शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को अदालत ने पुख्ता साक्ष्यों के आधार पर सुरेंद्र कोली को दोषी ठहराया था। शनिवार को विशेष अदालत ने सजा के बिंदु पर कोली के किए कुकृत्य को गंभीरतम श्रेणी का अपराध मानकर फांसी की सजा सुनाई है। शर्मा ने बताया कि कोली पर 1.10 लाख रुपये का जुर्माना भी सुनाया गया है। निठारी कांड में कुल 17 मामले दर्ज हैं। विशेष अदालत से इसमें 12 मामले में फैसला सुनाया गया है। सभी मामलों में अदालत ने सुरेन्द्र कोली को फांसी की सजा सुनाई है।बता दें कि, निठारी कांड के 12वें केस में गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने आरोपी सुरेंद्र कोली को दोषी करार दिया था, जबकि मोनिंदर सिंह पंढेर को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया था। विशेष अदालत में निठारी कांड से जुड़ा यह 12वां मामला है। मामले में कोठी मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और नौकर सुरेंद्र कोली पर निठारी की युवती का अपहरण करने के बाद कोठी में दुष्कर्म कर हत्या और शव को छुपाने का आरोप था। निठारी में 2006 में दिल दहला देने वाले 12 मामलों में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट भले ही फैसले सुना चुकी हो, लेकिन इस कांड में 5 मामले अब भी कोर्ट में विचाराधीन हैं। इन मामलों में भी अभी फैसला आना बाकी है। इसके साथ ही निठारी कांड से जुडे़ तीन मामले वे भी हैं, जिन में आज तक कोई पर्दा नहीं उठ सका। कई महीनों की जांच के बाद जब इन तीन मामलों में कोई सबूत नहीं मिला,तब सीबीआई ने इनमें अपनी क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी थी।

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