नजूल नियमो पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, शुरू किया हस्ताक्षर अभियान
उमरिया। कांग्रेस ने राज्य सरकार द्वारा नजूल नियमो मे किये गये संशोधन पर आपत्ति जताते हुए इसे जनविरोधी कदम बताया है। पार्टी का कहना है कि संशोधन के बाद होने वाली नीलामी मे गरीबों को जमीने नहीं मिलेगी जबकि पूंजीपति मनमाने दामो पर इसे खरीद लेंगेे। बताया गया है कि नगर के अनेक लीज प्रकरण लगभग 50 साल से भी ज्यादा समय से लंबित हैं। इनमे से अधिकांश उमरिया जिला बनने से पूर्व के हैं, जिसके लिये लोगों को सैकड़ों बार शहडोल के चक्कर लगाने पड़े हैं। उनको आस थी कि कभी न कभी इनकी सुनवाई होगी परंतु शासन के नये नियम के कारण सभी आवदेन शून्य हो गये हैं। अब इन आवेदकों को नये सिरे से प्रक्रिया करनी पड़ेगी। इससे उनका समय और पैसा दोनो ही बर्बाद होगा। कांग्रेस ने इस निर्णय के विरोध मे हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। उसकी मांग है कि सरकार नजूल आने से पूर्व काबिज परिवारों के व्यवस्थापन की कार्यवाही करे सांथ ही राजीव आश्रय, विस्थापित तथा मुख्यमंत्री झुग्गी-झोपड़ी सहित अन्य योजनाओं के तहत मिली भूमि और हितग्राही को खसरे मे दर्ज कर उन्हे भी स्थाई पट्टा प्रदान करे।
नजूल आने के पहले से काबिज सैकड़ों परिवार
मप्र कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एवं पूर्व विधायक अजय सिंह ने बताया कि शहर मे सैकड़ों परिवार नजूल आने के पहले से काबिज हैं। जिन्हे 1950 के पूर्व और बाद मे नगर पालिका द्वारा पड़ाव स्कीम तथा ग्राउण्ड रेंट आदि पर पट्टे दिये गये थे। जबकि बहुत सारे लोग विस्थापित और भूमिहीन परिवारों के लिये संचालित राजीव आश्रय और मुख्यमंत्री झुग्गी-झोपड़ी सरीखी योजनाओं केे तहत प्राप्त जमीनो पर बसे हुए हैं। इन सभी के पास दस्तावेज तो हैं परंतु वे शासकीय अभिलेखों मे दर्ज नहीं हैं। जिसकी वजह से वे आज भी अतिक्रमणकारी की श्रेणी मे आते हैं।
इन जमीनो का क्या होगा
जिला मुख्यालय के कई बाशिंदो को सन 1950 से 58 के बीच नगर पालिका द्वारा पड़ाव स्कीम और ग्राउण्ड रेंट के जरिये जमीने दी गई थी। इन जमीनो का कब्जा तहसीलदार बांधवगढ़ द्वारा दिलवाने के दस्तावेज भी उनके पास मौजूद हैं। मौके पर सभी लोग काबिज भी हैं परंतु राजस्व रिकार्ड मे ये सभी जमीने शासकीय भूमि के नाम पर दर्ज हैं। मप्र नजूल भूमि निवर्तन निर्देश 2020 मे इन जमीनो के संबंध मे कोई भी स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिये गये हैं।
नियमो के अनुरूप होगी कार्यवाही
इस संबंध मे शासन के जो भी दिशा-निर्देश आये हैं, उनका पालन किया जायेगा। प्रशासन की कोशिश होगी कि नियम के अनुसार ही कार्यवाही हो।
संजीव श्रीवास्तव
कलेक्टर, उमरिया
नये कानून से गरीबों को नहीं मिलेगी जमीन
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