न्याय की गोहर के बीच हुआ अनीस का अंतिम संस्कार
परिजनो के करूण क्रंदन से भाव विह्वल हुआ नगर, पुणे मे रईसजादे की हरकत ने ली थी युवक की जान
बांधवभूमि
मध्यप्रदेश
उमरिया
जिले के बिरसिंहपुर पाली मे मंगलवार को साफ्टवेयर इंजीनियर अनीस का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दुखद घडी मे परिजनो के करूण क्रंदन ने वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम कर दीं। सबसे ज्यादा खराब हालत युवक की मां श्रीमती सरिता अवधिया की थी, जिसे संभालना मुश्किल हो रहा था। मृतक के परिवार का बस एक ही कहना है कि अपने शौक के लिये उनके घर का चिराग बुझाने तथा सारे सपने चकनाचूर करने वाले दरिंदों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिये। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पुणे मे नौकरी कर रहे अनीस अवधिया पिता ओमप्रकाश अवधिया तथा उनकी सहयोगी अश्वनी कोष्ठा निवासी जबलपुर की बीते 18-19 मई की दरम्यिानी रात महाराष्ट्र के पुणे मे एक सडक़ हादसे के दौरान मौत हो गई थी। बताया गया है कि युवक और युवती दोनो ही साफ्टवेयर इंजीनियर थे, जो रात करीब 2.30 बजे किसी कार्यक्रम से बाईक पर वापस अपने क्वार्टर की ओर जा रहे थे। इसी दौरान शहर के एक रईसजादे ने तेज रफ्तार कार से उनकी बाईक को टक्कर मार दी थी। यह टक्कर इतनी भीषण थी कि अनीस और अश्वनी की मौके पर ही मौत हो गई। सोमवार रात अनीस का शव पाली पहुंचा था, जहां सुबह उनका अंतिम संस्कार किया गया।
शराब के नशे मे धुत्त थे आरोपी
जानकारी के अनुसार आरोपी पुणे के बिल्डर विशाल अग्रवाल का नाबालिग बेटा था। जिसने पोर्शे कम्पनी की कार से साफ्टवेयर इंजीनियरों की बाईक को टक्कर मार कर उन्हे मौत के घाट उतार दिया। जिस समय यह घटना हुई उस समय कार की स्पीड 200 किमी प्रति घंटा थी। वहीं 17 साल के इस रईसजादे के पास न तो ड्रायविंग लायसेंस था और ना हीं कार पर रजिस्ट्रेशन नंबर ही अंकित था। घटना के बाद आरोपी किशोर की अल्कोहल रिपोर्ट निगेटिव आने का दावा किया गया था, परंतु सोशल मीडिया मे वायरल एक वीडियो ने इस रिपोर्ट पर भी सवालिया निशान खड़े कर दिये। वायरल वीडियो मे साफतौर पर आरोपी अपने दोस्तो के सांथ किसी पब पार्टी मे शराब पीता हुआ दिख रहा है। इससे साफ है कि उसने नशे की हालात मे इस घटना को अंजाम दिया है।
माई लॉड के फैंसले ने चौकाया
देश भर मे इस घटना की जितनी चर्चा हुई, उतनी ही बहस पुलिस की कार्यप्रणाली तथा मामले के आरोपी को जमानत देने वाले मायलॉड की भी हुई। दरअसल घटना के दूसरे दिन पुलिस ने जब दो लोगों की हत्या के आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट के सामने पेश किया गया तो उसे तत्काल कुछ अजीब शर्तों के साथ जमानत दे दी गई। इन शर्तो मे कहा गया कि आरोपी 15 दिन तक ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के साथ ड्यूटी करे और यातायात पर निबंध लिखे। सांथ ही कोर्ट ने और शराब छोडऩे के लिए उसे नशा मुक्ति केंद्र भेजने की शर्त भी लगा दी। वहीं पुलिस ने शराब के नशे मे बिना लायसेंस और रजिस्ट्रेशन वाली कार 200 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से चला कर दो बेकसूरों को मौत के घाट उतारने वाले लक्ष्मीपुत्र के खिलाफ 304ए जैसी मामूली धारा के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया। जबकि आरोपी ने यह जानते हुए कि उसके इस कृत्य से लोगों की मौत हो जायेगी, घटना कारित की है। ऐसे मे उसके खिलाफ धारा 304 का केस दर्ज किया जाना चाहिये था।
भद्द पिटी तो जागा जमीर
पुणे मे बेलगाम कार की टक्कर से हुई साफ्टवेयर इंजीनियरों की मौत मामले मे पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही की चर्चा बीते दो दिनो से देश भर मे होती रही। जब सोशल व राष्ट्रीय मीडिया मे इस प्रकरण को लेकर जम कर छीछालेदर हुई तब जाकर महकमे का जमीर जागा। बताया जाता है कि विभाग द्वारा आनन-फानन मे आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल सहित पांच लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उन्हे गिरफ्तार कर लिया गया। इन आरोपियों मे नाबलिग को बार मे प्रवेश देने वाले होटल कोजी के मालिक प्रहलाद भुटाडा, मैनेजर सचिन काटकर, होटल ब्लैक के मालिक संदीप सांगले तथा बार मैनेजर जयेश बोनकर शामिल हैं।