नकली आवाज बना कर मांग रहे पैसे

नकली आवाज बना कर मांग रहे पैसे

मार्केट मे आया ठगी का नया तरीका, परजिनो को झांसा दे रहे सायबर बदमाश

बांधवभूमि न्यूज

मध्यप्रदेश

उमरिया
जैसे-जैसे समाज हाईटेक हो रहा है, सुविधाओं के सांथ समस्यायें भी बढती जा रही हैं। जो अपराधी पहले सीधे तौर पर घरों, दुकानो और दफ्तरों आदि मे घुस कर चोरी और ठगी करते थे, समय के सांथ उन्होने भी अपने तौर-तरीके बदल लिये हैं। अब नकेवल फ्राड के आधुनिक तरीके निकाले जा रहे हैं, बल्कि इनमे रोजाना अपडेशन भी किया जा रहा हैं। उन्हीे मे से एक नया तरीका है, नकली आवाज बनाना। जिसके जरिये ठग लोगों को फोन पर गंभीर समस्या बता कर उनसे पैसे मांग रहे हैं। जिले मे भी ऐसी कई घटनायें हो चुकी हैं, जिसकी वजह पुलिस द्वारा लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है।

इस तरह तैयार होता है वाइस क्लोन
सायबर क्राइम से जुडे अधिकारी बताते हैं कि बदमाशों ने हाल ही मे अपराध का जो नया तरीका इजाद किया है, उसमे पहले वॉयस क्लोनिंग यानि आवाज की नकल तैयार की जाती है। इसके लिये पहले व्यक्ति को एक कॉल आता है, जिसे रिसीव करने पर वह हैलो, हैलो करता है, परंतु सामने से काई जवाब नहीं सुनाई देता। इतने मे ही आपकी आवाज का सेम्पल ठगों द्वारा लगाये गये एक ऐसे माइक्रोफोन मे रिकार्ड हो जाता है, जो उसकी हूबहू नकल कर सकता है। फिर अन्य तरीकों से हथियाये नंबरों पर माता-पिता, भाई या अन्य रिश्तेदारों से घबराई आवाज मे कहा जाता है कि मेरा एक्सीडेंट हो गया है, फला अस्पताल मे भर्ती हूंए तत्काल रूपये भेजो। इस दौरान ठग कई तरह की झूठी एमरजेंसी बता कर परिजनो से पैसे ट्रांसफर करा लेते हैं। आवाज मिलती-जुलती होने के कारण परिजन ऐसा कर भी देते हैं। बाद मे जब वे पुन: हाल-चाल लेने के लिये संबंधित व्यक्ति को फोन लगाते हैं, अथवा उसके घर पहुंचते हैं, तो पता चलता है कि ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं। हलांकि तब तक ठग अपना काम कर चुके होते हैं।

अंजान कॉल से बचें
जानकारों का मानना है कि सारी समस्या मोबाईल पर आने वाले अंजान कॉल के कारण उत्पन्न होती है। यदि सतर्कता बरती जाय तो बहुत सारी मुसीबतों से बचा जा सकता है। दिक्कत व्यापारियों के लिये भी है, उन्हे हर किसी का मोबाईल तो अटेण्ड करना ही पडता है। इसके लिये जरूरी है कि किसी भी अपरिचित नंबर से फोन आने पर पहली रिंग न उठायें। रिंग बंद होने के बाद टू कॉलर पर नंबर और व्यक्ति की पडताल कर लें। यदि इस पर भी कोई संदेह है, तो सामने वाले से बातचीत के दौरान सावधानी बरतें। उसके द्वारा मांगे जाने पर यूपीआई, खाते का नंबर, स्केनर आदि कतई न दें।

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