न बीमा था और न ही फिटनेस फिर भी सड़क पर दौड़ रही थी 15 साल पुरानी बस, गुना हादसे में सीएम ने आरटीओ को किया सस्पेंड

न बीमा था और न ही फिटनेस फिर भी सड़क पर दौड़ रही थी 15 साल पुरानी बस, गुना हादसे में सीएम ने आरटीओ को किया सस्पेंड

बांधवभूमि न्यूज

मध्यप्रदेश, गुना

संक्षिप्त
गुना में बुधवार रात हुए हादसे में 13 लोगों की मौत के मामले में राज्य सरकार सख्त है। बस का न बीमा था और न ही फिटनेस। रोड टैक्स भी खत्म हो चुका था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि घटना में जो जिम्मेदार है, उसे नहीं छोड़ा जाएगा।

विस्तृत
गुना बस हादसे को लेकर नए खुलासे हुए हैं। इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सीएल मुकाती ने कहा है कि बस 15 साल पुरानी थी। यह बस कैसे सड़क पर चल रही थी? परिवहन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं, डॉ. मोहन यादव ने भी हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों को न बख्शने की बात कही है। बुधवार को गुना से आरोन जा रही बस की डंपर से टक्कर हुई थी। इसके बाद बस में आग लग गई। हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पीडब्ल्यूडी और कृषि विभाग की समीक्षा बैठक टाल दी है। सीएम घायलों का हाल जानने गुना पहुंचे हुए हैं।

नहीं बचेंगे घटना के जिम्मेदार
मुख्यममंत्री मोहन यादव ने कहा कि मैंने हादसे के बाद कलेक्टर-एसपी से बात की थी। यह घटना हृदयविदारक है। हम कोशिश करेंगे कि ऐसी घटना दोबारा न हो। मैंने जांच के आदेश दिए हैं। बस का परमिट नहीं था तो वह कैसे चल रही थी। जिस टर्निंग पॉइंट पर यह टक्कर हुई, उसका क्या कर सकते हैं, यह भी देखेंगे। सभी डेंजर जोन को चिह्नित कर ठीक किया जाएगा। जो भी जवाबदार होगा, उसे नहीं छोड़ेंगे। मैं दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ हूं। भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के साथ ही ऐसी घटनाएं न हों, इसके प्रबंध भी किए जाएंगे।

अपर कलेक्टर करेंगे जांच
गुना में हुए हादसे पर मुख्यमंत्री के जांच के आदेश के बाद जांच समिति गठित हो गई है। तीन दिन में यह समिति राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। गुना के अपर कलेक्टर मुकेश कुमार शर्मा को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। उनके नेतृत्व वाली समिति में गुना एसडीएम दिनेश सावले, ग्वालियर से संभागीय उप परिवहन आयुक्त अरुण कुमार सिंह और गुना के विद्युत सुरक्षा सहायक यंत्री प्राणसिंह राय भी शामिल हैं। समिति घटना के विभिन्न पहलुओं की जांच करेगी। इनमें दुर्घटना के कारण, दुर्घटनाग्रस्त बस और डम्पर को प्राप्त विभिन्न अनुमतियों, बस में आग लगने के कारण, उत्तरदायी विभागों की भूमिका आदि की जांच शामिल है। तीन दिन में यह रिपोर्ट तैयार करनी होगी।

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