मॉडर्ना को इमरजेंसी अप्रूवल, पर सौ लोगों पर ब्रिज ट्रायल की शर्त तो पूरी करनी ही होगी
नई दिल्ली। कोरोना से जंग में देश को अब तक ४ वैक्सीन मिल चुकी हैं। कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पूतनिक के बाद मंगलवार को मॉडर्ना के टीके को भी मंजूरी दे दी गई। यही नहीं जल्दी ही भारत को फाइजर का टीका भी मिल सकता है। हेल्थ मिनिस्ट्री की मीडिया ब्रीफिंग के दौरान नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने यह जाानकारी दी। उन्होने कहा हमारे पास अभी कोवैक्सिन, कोविशील्ड, स्पूतनिक-वी और मॉडर्ना वैक्सीन उपलब्ध हैं। जल्दी ही हम फाइजर से भी टीके के लिए डील फाइनल कर लेंगे। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं पर टीके के असर को लेकर भी उन्होंने भ्रम को दूर किया। वीके पॉल ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को कोरोना वैक्सीन से कोई रिस्क नहीं है। उन्हें यह टीका जरूर लगाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीनेशन से जुड़ी गाइडलाइंस भी जल्दी ही रिलीज करने की बात कही। सूत्रों का कहना है कि सिप्ला को देश में १०० लोगों पर ब्रिज ट्रायल की शर्त को पूरा करना ही होगा। मॉडर्ना पहली ऐसी इंटरनेशनल वैक्सीन है, जो पूरी तरह तैयार होकर विदेश से आएगी और इसकी डोज लोगों को दी जाएगी। देश को मिलने वाली ये चौथी वैक्सीन है। इससे पहले कोवीशील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक-ङ्क को भी मंजूरी मिल चुकी है।
क्षमता कम होने की अफवाहों को किया खारिज
उन्होंने कहा कि अब तक भारत में मौजूद ४ वैक्सीन्स स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सेफ हैं। इसके अलावा टीके के चलते प्रजनन की क्षमता कम होने की अफवाहों को भी उन्होंने खारिज किया। वीके पॉल ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है। वहीं मॉर्डना को लेकर उन्होंने कहा कि यह पहली इंटरनेशनल वैक्सीन है। हालांकि अभी इसका इस्तेमाल सीमित ही रहेगा। इसके अलावा कोरोना के नए डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर भी वीके पॉल ने राहत भरी खबर दी। पॉल ने कहा कि फिलहाल देश में ५१ मामले हैं। बता दें कि बीते सप्ताह इस वैरिएंट के ५० केस मौजूद थे। इस लिहाज से देखें तो इसके संक्रमण की गति फिलहाल थमी हुई है। वहीं वैक्सीनेशन की बात करें तो देश की २७ करोड़ से ज्यादा आबादी को कोरोना टीके की पहली डोज लग चुकी है। इसके अलावा ५.८४ करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्हें दोनों टीके लग चुके हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री के जॉइन सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने कहा कि भारत में पीक के बाद से लगातार गिरावट का दौर बना हुआ है। देश के तमाम जिलों में लगातार कोरोना के केसों में कमी आ रही है।
भारत में अभी 3 वैक्सीन और एक पाउडर
देश में फिलहाल सीरम सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का इस्तेमाल वैक्सीनेशन ड्राइव में किया जा रहा है। रूस की स्पुतनिक-V को भी भारत में इस्तेमाल किए जाने की मंजूरी दे दी गई है। इसके अलावा DRDO ने कोविड की रोकथाम के लिए 2-DG दवा बनाई है। इसके इमरजेंसी इस्तेमाल को भी मंजूरी दे दी गई है। यह एक पाउडर होता है, जिसे पानी में घोलकर दिया जाता है।
देश को मिलेगी पहली इंटरनेशनल वैक्सीन
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