कुल 37 हुई संख्या, नये मेहमानो की आमद से खुश प्रबंधन और वन्यजीव प्रेमी
बांधवभूमि, उमरिया
जिले के राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ मे बायसनो का सफलतापूर्वक पुर्नस्थापन करने के उपरांत बारहसिंघों को बसाने की मुहिम शुरू की गई है। इसी के तहत बीती रात कान्हा से लाये गये 18 और बारहसिंघे पार्क मे बनाये गये बाड़े मे छोड़े गये। इन्हे मिला कर अब यहां बारहसिंघों की संख्या बढ़ कर 37 हो गई है। गौरतलब है कि इस परियोजना के तहत पहले चरण मे 50 बारहसिंघों को कान्हा टाईगर रिजर्व से बांधवगढ़ लाया जाना है। सूत्रों के मुताबिक शेष 13 और वन्यजीव इसी मांह लाये जायेंगे। नई प्रजाति के मेहामानो के आने से प्रबंधन, कर्मचारियों के अलावा जिले के वन्यजीव प्रेमियों ने प्रसन्नता व्यक्त है। उनका कहना है कि बायसनो के बाद बारहसिघों को बसाने की परियोजना निश्चित तौर पर सफल होगी।
मगधी मे छोड़े गये वन्यजीव
काफी समय से नेशनल पार्क मे बारहसिंघों को बसाने की योजना पर काम चल रहा था। शासन तथा एनटीसीए की अनुमति मिलने के बाद सबसे पहले कान्हा के जंगलों से जानवरों के कैप्चरिंग की प्रक्रिया पूर्ण की गई। गत 26 मार्च को 19 बारहसिंघा कान्हा नेशनल पार्क से लाये गये थे। दूसरे चरण मे रविवार को 18 और बारहसिंघे विशेष वाहन द्वारा कान्हा से रवाना हुए। जिन्हे विशेष सतर्कता से लाने की जिम्मेदारी एसडीओ सुधीर मिश्रा को सौंपी गई थी। देर रात सभी बारहसिंघों को मगधी जोन मे बनाये गये बाड़े मे छोड़ा गया। इनमे 16 मादा तथा 2 नर शामिल हैं।
की जायेगी भोजन की व्यवस्था
सूत्रों के मुताबिक प्रबंधन द्वारा बांधवगढ़ मे बारहसिंघों के भोजन की पर्याप्त व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए चारागाहों का विकास किया जायेगा। आबादी बढऩे के बाद बारहसिंघों को इनक्लोजर से धीरे धीरे निकाल कर खुले जंगलों मे छोड़ा जाएगा। जानकारों का मानना है कि बारहसिंघे हमेशा से लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहे हैं। आने वाले कुछ समय मे पार्क आने वाले पर्यटक बाघ, तेंदुआ और हिरण आदि दुर्लभ जीवों के अलावा इस नई प्रजाति का भी दीदार कर सकेंगे।
168 हुई बायसनो की संख्या
विदित हो कि इससे पहले बांधवगढ़ मे बायसन परियोजना बेहद सफल रही थी। बारहसिंघों की तरह ही वर्ष 2012 मे बायसन भी कान्हा टाईगर रिजर्व से ही लाये गये थे। बाड़े मे रह कर यहां की आवोहवा मे अभ्यस्त होने के बाद उन्हे खुले जंगलों मे छोड़ा गया था। नेशनल पार्क के उप संचालक लवित भारती ने बताया कि बांधवगढ़ मे महज 50 बायसन आये थे, जिनकी संख्या अब बढ़ कर 168 हो गई है।
दूसरी खेप मे आये 18 बारहसिंघे
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