विश्व दिव्यांगता दिवस पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का किया गया आयोजन
बांधवभूमि, सोनू खान
शहडोल।दिव्यांगता अभिशाप नहीं है क्योंकि शारीरिक अभावों को यदि प्रेरणा बना लिया जाये तो दिव्यांगता व्यक्तित्व विकास में सहायक हो जाती है। यदि सोच सही रखी जाये तो अभाव भी विशेषता बन जाते हैं। दिव्यांग व्यक्ति अपने अभावों में भी स्वयं को कमजोर नहीं होने देते, वे अपना मार्ग स्वयं प्रशस्त करते हैं और दिव्यांगता को अपनी मजबूरी नहीं बनने देते, मूक होकर भी सब कुछ बोल जाते हैं, बधिर होकर सब सुन लेते हैं, दृष्टिहीन होकर भी स्पष्ट देख लेते हैं, पंगु होकर भी जो जिन्दगी की दौड़ में आगे निकल जाते हैं। ऐसे दिव्यांगो की कर्मठता के आगे हम स्वयं का आंकलन भी नहीं कर पाते हैं। नतमस्तक हैं हम उनके प्रति जो हमें जिन्दगी का पाठ सिखाते हैं। स्वस्थ शरीर के बावजूद बहुत से व्यक्ति अधूरे ही होते हैं और दिवयांग तन-मन से सम्पूर्ण होते है। उक्त उद्बोधन विधायक जैतपुर श्रीमती मनीषा सिंह ने स्थानीय गांधी स्टेडियम शहडोल में शनिवार को विश्व विकलांग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। विधायक श्रीमती मनीषा सिंह ने कहा कि केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अनेक योजनाएं संचालित की गई है जिससे दिव्यांग अपनी पहचान एवं समाज में सम्मान के साथ एक बेहतर जीवन जी सकते हैं। विश्व दिव्यांग दिवस मनाने का उद्देश्य समाज के सभी क्षेत्रों में दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों को बढ़ावा देना और राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन में दिव्यांग लोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। आज हर क्षेत्र में विकलांग अपना प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं तथा समाज को बता रहे हैं कि वह किसी से भी कम नहीं है। हमारे देश में अनेको ऐसे दिव्यांग जो खेल प्रतियोगिता, शूटिंग प्रतियोगिता, रंगोली, चित्रकला, गायन तथा शासकीय सेवा इत्यादि में बेहतर योगदान दे रहे है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपसंचालक सामाजिक न्याय श्री शिवेंद्र सिंह परिहार ने बताया कि दिव्यांग हमें जिंदगी जीने के अनेकों पाठ को सिखाते हैं। कमियां होने के बावजूद किसी भी क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कैसे देना है, वह हमें सिखाते हैं। दिव्यांगता अभिशाप नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी अद्भुत, अद्वितीय दिव्यांगों को किसी की सहानुभूति की भी आवश्यकता नहीं होती, उन्होंने कहा कि मैंने ऐसे कई दिव्यांगों को देखा है जो अपना दर्द छिपा कर मुस्कुराते हुए कामयाबी पा लेते हैं तथा सामान्य व्यक्तियों के लिए मिसाल बन जाते हैं। जीवन जीने की कला उन्हें खूब आता है। कुछ दिव्यांग अपने हौसलों की उड़ान रोक नहीं पाते स्वयं को लाचार , कमजोर नहीं मानते हैं और आसमान को अपनी मुठ्ठी मे भर लेना चाहते हैं। कार्यक्रम को पार्षद सिल्लू रजक ने भी संबोधित किया।कार्यक्रम में 50 एवं 100 मीटर का दौड़ भी आयोजित किया गया। जिसमें विधायक जैतपुर श्रीमती मनीषा सिंह द्वारा प्रथम द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार दिया गया। कार्यक्रम में कुर्सी दौड़, रंगोली प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता, गायन प्रतियोगिता, मेहंदी प्रतियोगिता सहित अन्य विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई। जिसका निरीक्षण विधायक जैतपुर श्रीमती मनीषा सिंह ने किया तथा रंगोली एवं चित्रकला प्रतियोगिता की प्रशंसा की। इस दौरान विधायक ने बालक बालिकाओं से संवाद भी किया। कार्यक्रम का शुभारंभ विधायक जैतपुर श्रीमती मनीषा सिंह, उपसंचालक सामाजिक न्याय शिवेंद्र सिंह परिहार, पार्षद शील्लू रजक सहित अन्य अतिथियों एवं अधिकारियों ने मां सरस्वती एवं भारत माता के छाया चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित एवं माल्यार्पण कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम में सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त विभाग एवं शिक्षा विभाग संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
दिव्यांगता कोई अभिशाप नहीं:विधायक जैतपुर
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