दिल्ली मे बारिश ने 41 साल का रिकॉर्ड तोड़ा

देश मे बाढ़ का अलर्ट जारी, हिमाचल मे बहे घर-पुल और गाडि़यां

नई दिल्ली। देश में मानसून आफत बनकर बरस रहा है। दिल्ली, हिमाचल, पंजाब सहित देश के उत्तरी राज्यों में भारी बारिश हो रही है। उधर, दिल्ली में 41 साल का रिकॉर्ड टूटा। 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में सबसे ज्यादा 153 मिमी बारिश हुई। इससे पहले 25 जुलाई 1982 में 169.9 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी। 2003 में 24 घंटे में 133.4 मिमी बारिश हुई थी। वहीं 2013 में दिल्ली में 123.4 मिमी बारिश हुई थी। मौसम विभाग के पूर्वानूमान के मुताबिक जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अभी दो दिन और जमकर बारिश होगी। ये राज्य पहले से ही बारिश के चलते मुसीबत झेल रहे हैं। कुल्लू में व्यास नदी में उफान के चलते चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग 3 का एक हिस्सा बह गया। जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में भी बारिश के भूस्खलन की तस्वीरें सामने आई हैं। ऐसे में मौसम विभाग का ये पूर्वानूमान पहाड़ी राज्यों की मुश्किलें और बढ़ा सकती है। फिलहाल तीनों ही राज्यों में प्रशासन हाई अलर्ट पर है।
सेना के दो जवान बहे
बारिश के चलते जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सेना के दो जवान पोशाना नदी पार करते हुए डूब गए। वहीं हिमाचल में 5, जम्मू में 2 और यूपी में 4 लोगों की मौत हो गई। हिमाचल में ब्यास नदी ने काफी नुकसान पहुंचाया। एक पुल नदी में बह गया। वहीं कुछ दुकानें भी बाढ़ के पानी में समा गईं। नदी में फंसे पांच लोगों को एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया। मोहाली के डेराबस्सी में घग्गर नदी का पानी सोसाइटी में घुस गया। जिसके बाद लोगों को नाव के जरिए बाहर निकाला गया। उधर चंबा पठानकोट नेशनल हाईवे बनीखेत के पास धंस गया।
हिमाचल में भारी तबाही
भारी बारिश के चलते मनाली और कुल्लू के बीच कई स्थानों पर भूस्खलन के मामले भी सामने आए हैं। इसके चलते कुल्लू-मनाली और मनाली से अटल टनल और रोहतांग के बीच का रास्ता बंद कर दिया गया है। भारी बारिश के चलते पूरा कुल्लू और मनाली पानी में डूबा नजर आ रहा है। यहां की नदियां और नाले उफान पर हैं। सरकार ने राज्य के सभी स्कूल और शिक्षण संस्थान आगामी 10 और 11 जुलाई को बंद रखने के निर्देश दिए हैं। राज्य में पिछले 24 घंटे के बारिश के चलते 5 व्यक्तियों की मौत की भी खबर है।
कश्मीर और उत्तराखंड में भी बारिश का कहर
साथ ही खराब मौसम के चलते कश्मीर में अमरनाथ यात्रा को लगातार तीसरे दिन रोक दिया गया है। इसके चलते 6 हजार अमरनाथ यात्री रामबन में फंस गए हैं। जम्मू पुंछ में सेना के दो जवान पोशाना नदी में बह गए हैं। फिलहाल उनके लिए रेस्कयू ऑपरेशन चलया जा रहा है। वहीं, तावी नदी में जलस्तर बढ़ गया है। नेशनल हाईवे 44 फिलहाल बंद है। वहीं उत्तराखंड के छिनका के पास भूस्खलन के कारण बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया और कुमाऊं मंडल में चंपावत में एनएच-9 बंद हो गया है।
दिल्ली के लिए येलो अलर्ट
पहाड़ी राज्यों के अलावा पंजाब, हरियाणा, यूपी और पूर्वी राजस्थान में अगले दो दिनों में भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं दिल्ली के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। देश की राजधानी दिल्ली में भारी बारिश ने 41 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में सबसे ज्यादा 153 मिमी बारिश हुई है। इससे पहले 25 जुलाई 1982 को 169.9 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी। साल 2003 में 24 घंटे में 133.4 मिमी बारिश हुई थी। वहीं, 2013 में दिल्ली में 123.4 मिमी बारिश हुई थी। वहीं, बारिश का सिलसिला अभी थमा नहीं है।
पंजाब के एक कॉलोनी में चलानी पड़ी नाव
पंजाब में बारिश ने काफी कहर मचाया है। यहां के कई प्रमुख शहरों की सडक़ें बारिश के पानी से लबालब हैं। चंडीगढ़ के डेरा बस्सी में लगातार बारिश के बाद स्थित एक निजी हाउसिंग कॉलोनी में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है। यहां गाडिय़ां पानी में डूबी नजर आ रही है। हालात ऐसे हो गए हैं कि सोसायटी में नाव चलवानी पड़ी। वहीं, मोहाली के खरड़ इलाके में एक घर बारिश के चलते ढह गया।
खरगोन में वेदा नदी उफनी, 8 गांवों का संपर्क टूटा
मध्यप्रदेश में बारिश का दौर जारी है। बालाघाट, दमोह समेत कई जिलों में पानी गिरा। छतरपुर में भी तेज बारिश के कारण जटाशंकर धाम का झरना तेजी से बहने लगा। खरगोन में वेदा नदी उफनाने से 8 गांव का संपर्क टूट गया है। यहांमोगावां और टिगरियाव पहुंच मार्ग के बीच रपटे पर वेदा नदी का पानी बह रहा है। ऊपरी हिस्से में हो रही बारिश से तीन दिन से यह हालात बने हैं। जिन जिलों में हैवी रेन का अलर्ट है, उनमें भोपाल, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी जिले शामिल हैं। बाकी जगह हल्की बारिश हो सकती है।

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