दिल्ली-महाराष्ट्र में 62 साल बाद एक साथ आया मानसून

पंचकुला में कार सहित महिला बही, MP-राजस्थान समेत 23 राज्यों में 4 दिन भारी बारिश

नई दिल्लीदिल्ली और महाराष्ट्र में रविवार सुबह मानसून की एंट्री हो गई। मौसम विभाग के मुताबिक, 62 साल बाद दोनों जगह एक साथ मानसून पहुंचा है। इससे पहले 21 जून 1961 को दोनों जगह एक ही दिन मानसून दाखिल हुआ था।अगले दो दिनों में मानसून दिल्ली और मुंबई को पूरी तरह कवर कर लेगा। मुंबई में कल से हो रही बारिश में जेजे फ्लाईओवर पर पानी भर गया। आज शहर के कुछ हिस्सों के लिए यलो और कुछ के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।मौसम विभाग के मुताबिक, देश के 23 राज्यों में अगले चार दिन भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है। इनमें झारखंड, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, कोंकण और गोवा, छत्तीसगढ़, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ, तटीय कर्नाटक और केरल शामिल हैं।
6 राज्यों में दाखिल हुआ मानसून
मानसून भले ही देश में 7 दिन की देरी से दाखिल हुआ, लेकिन शनिवार को एक दिन में यह छह राज्यों- मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में पहुंच गया। कई राज्यों में मानसून तय समय पर पहुंचा है। पूरे उत्तराखंड व हिमाचल में भी एक ही दिन में मानसून छा गया।पश्चिमी घाट पर महाराष्ट्र के रत्नागिरी के पास 12 दिन से अटका मानसून आगे नागपुर तक पहुंच गया। अगले 24 से 48 घंटे में मानसून महाराष्ट्र में मुंबई तक, मप्र, उत्तर प्रदेश व हरियाणा में और आगे बढ़ेगा। दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब, पूर्वी राजस्थान, गुजरात के कई हिस्सों में भी मानसून फैल जाएगा।
विद्याविहार मे गिरी तीन मंजिला इमारत
विद्याविहार स्थित प्रशांत निवास की तीन मंजिला इमारत रविवार सुबह ढह गई। इमारत ढहे सात घंटे बीत चुके हैं, लेकिन समाचार लिखे जाने तक बचाव अभियान अभी भी जारी है। लगातार हो रही बारिश के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही है। एनडीआरएफ तीन लोगों को बचाने में कामयाब रही है। इस इमारत की पहली मंजिल पर रहने वाला परिवार अलका और नरेश पलांडे अभी भी फंसे हुए हैं. एनडीएआरएफ की कोशिशों के बावजूद वे इन दोनों को निकालने में कामयाब नहीं हो सके। विद्याविहार की यह इमारत ४० साल पुरानी बताई जाती है। इस बीच शनिवार से मुंबई में जगह-जगह बारिश हो रही है। बारिश के कारण कई इलाकों में पानी जमा हो गया है। बताया जा रहा है कि इमारत का एक हिस्सा बारिश के कारण गिरा है। मुंबई में पहली ही बारिश में हुए इस हादसे से एक बार फिर खतरनाक इमारतों का मुद्दा सामने आ गया है।
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