दिलीप पाटिल होंगे महाराष्ट्र के नए गृहमंत्री, अनिल देशमुख ने दिया इस्तीफा

मुंबई। वसूली के आरोप में घिरे महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनकी जगह दिलीप वलसे पाटिल को गृह विभाग की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। देशमुख ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेज दिया है। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने उद्धव से उनके घर जाकर मुलाकात भी की। इसके बाद देशमुख दिल्ली के लिए रवाना हो गए। गृहमंत्री के इस्तीफे के बीच राकांपा प्रमुख शरद पवार और डिप्टी सीएम अजित पवार ने बैठक कर इस मसले पर विचार किया।
देशमुख ने छह लाइन के अपने इस्तीफे में लिखा- आज माननीय हाईकोर्ट की ओर से एडवोकेट जयश्री पाटिल की याचिका पर सीबीआई जांच का आदेश दिया गया है। इसलिए मैं नैतिकता के आधार पर गृहमंत्री के पद से इस्तीफा देता हूं। मैं आपसे विनम्र निवेदन करता हूं कि मुझे गृह मंत्री के पद से मुक्त किया जाए।
तीन घंटे पहले ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने वसूली के आरोपों की सीबीआई जांच के आदेश दिए। कोर्ट ने कहा कि आरोप छोटे नहीं हैं और राज्य के गृह मंत्री पर हैं, इसलिए पुलिस इसकी निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने देशमुख पर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि देशमुख ने निलंबित एपीआई सचिव वझे को 100 करोड़ रुपए वसूली का टारगेट दिया था।
अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा- यह पूरा मामला एफआईआर के इर्दगिर्द घूम रहा है। जयश्री पाटिल ने पुलिस स्टेशन में एफआ्रईआर दर्ज करवाने का प्रयास किया था, लेकिन उनकी एफआईआर दर्ज नहीं हुई। हम इस मामले से जुड़े अन्य मुद्दों पर अभी बात नहीं करेंगे। हम इस बात से सहमत हैं कि यह एक अभूतपूर्व मामला है। अनिल देशमुख पुलिस विभाग को लीड करने वाले गृह मंत्री हैं। इस मामले में एक इंडिपेंडेंट जांच होनी चाहिए, इसलिए CBI फिलहाल बिना FIR दर्ज किए इस मामले की जांच करे और 15 दिन में अपनी प्राथमिक रिपोर्ट पेश करे।
इस मामले से जुडी एक अन्य याचिका में परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। याचिका में गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की गई थी। साथ ही मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर के पद से ट्रांसफर करने के आदेश को भी चुनौती दी है। इससे पहले अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग को लेकर परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी, जिसे खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट जाने को कहा था।

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