मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक में पीएम मोदी ने कहा- हमें जल्द और निर्णयात्मक कदम उठाने होंगे, विश्वास है भारतीय महामारी को हराएंगे
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी को लेकर मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना के सेकंड पीक को रोकने के लिए छोटे शहरों में टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है। साथ ही दवाई के साथ ही कड़ाई भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में केसों की संख्या बढ़ रही है। देश के 70 जिलों में ये वृद्धि 150 प्रतिशत से ज्यादा है। हमें कोरोना की इस उभरती हुई सेकंड पीक को तुरंत रोकना होगा। इसके लिए हमें जल्द और निर्णयात्मक कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना की लड़ाई में हम आज जहां तक पहुंचे हैं, उससे आया आत्मविश्वास, लापरवाही में नहीं बदलना चाहिए। हमें जनता को पैनिक मोड में भी नहीं लाना है और परेशानी से मुक्ति भी दिलानी है। उन्होंने कहा कि कुछ सावधानियां बरतकर हमें जनता को परेशानियों से मुक्ति दिलाना है। उन्होंने राज्यों से कहा कि हमें अपने-अपने पुराने अनुभवों से रणनीतियां बनानी होगी। हर राज्य के अपने-अपने अच्छे प्रयोग हैं। उन्होंने कहा कि माइक्रो कंटेंनमेंट जोन बनाने के विकल्प में ढिलाई नहीं लानी चाहिए। जिलों में काम कर रही महामारी प्रतिक्रिया टीम के साथ हर लेवल पर चर्चा होनी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट को लेकर भी हमें उतनी ही गंभीरता की जरूरत है जैसे कि हम पिछले एक साल से करते आ रहे हैं। हर संक्रमित व्यक्ति के कॉन्टेक्ट को कम से कम समय में ट्रैक करना और आरटी-पीसीआर टेस्ट रेट 70 प्रतिशत से ऊपर रखना बहुत अहम है।
उन्होंने कहा कि देश के सभी राज्यों में आरटी-पीसीआर टेस्ट में जोर देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें छोटे शहरों में टेस्टिंग को बढ़ाना होगा। हमें छोटे शहरों में रेफरल सिस्टम और एम्बुलेंस नेटवर्क के ऊपर विशेष ध्यान देना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के कई ऐसे देश है जहां कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत हुई है। भारत में भी अचानक मामले बढ़े हैं लेकिन हमें सावधानी बरतनी होगी। यह हमारी सरकारों की भी परीक्षा की घड़ी है। रहले भी भारत इस महामारी से मजबूती से लड़ा था।
देश में 96 प्रतिशत से ज्यादा मामले रिकवर हो चुके हैं
कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को एक साल से ज्यादा हो रहा है। भारत के लोगों ने कोरोना का जिस प्रकार सामना हो रहा है, उसे लोग उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करते हैं। आज देश में 96 प्रतिशत से ज्यादा मामले रिकवर हो चुके हैं। मृत्यु दर में भी भारत सबसे कम दर वाले देशों में है। देश और दुनिया में कोरोना की स्थिति को सामने रखते हुए दिए गए प्रेजेंनटेशन से कई अहम पहलु हमारे सामने आए हैं। दुनिया में अधिकांश देश ऐसे हैं जिन्हें कोरोना की कई वेब का सामना करना पड़ा है। हमारे यहां भी कई राज्य ऐसे हैं जहां पर केसेस कम होने के बाद अचानक से वृद्धि होने लगी है।
पीएम ने इन बातों पर दिया जोर
मास्क को लेकर गंभीरता अब भी जरूरी। वैक्सीन की बर्बादी न हो इसकी समीक्षा होनी चाहिए औऱ मॉनटरिंग भी। जिन शहरों में कोरोना केस ज्यादा बढ़ रहे हैं वहां माइक्रो कंटेनमेंट बनाने होंगे। नए केसों की पहचान के लिए आरटी-पीसीआर की जांच बढ़ानी होगी।
वैक्सीन केंद्रों की संख्या बढ़ानी होगी।
बैठक में ममता, बघेल व योगी शामिल नहीं हुए
बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, छत्तीगढ़ के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल नहीं हुए। इधर देश में एक दिन में कोरोना वायरस के 28,903 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,14,38,734 हो गई, वहीं 188 और लोगों की मौत हो जाने के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,59,044 हो गई है। पिछले कुछ महीनों में कोरोना मामलों में कंट्रोल आता नजर आ रहा था, लेकिन इसमें एक बार फिर उछाल आया है।