मध्यप्रदेश मे अब पन्ना प्रबंधन पर रहेगा जोर, भाजपा और कांग्रेस ने बूथों के हिसाब से बनाए प्रभारी
नईदिल्ली। मप्र की २८ विधानसभा सीटों तथा उत्तर प्रदेश के सात रिक्त पदों पर हो रहे उपचुनाव के प्रचार का शोरगुल कल रविवार शाम को थम गया। अब आगामी तीन नवम्बर को मतदाता अपने फैसले को ईवीएम में कैद करेंगे। मप्र की २८ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए प्रचार का शोरगुल रविवार शाम को थम गया। दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल अब बूथ प्रबंधन पर जोर दे रहे हैं। खास बात यह है कि दोनों ही दलों ने एक जैसी रणनीति अपनाई है। बूथ स्तर से भी नीचे मतदाता सूची के पन्नों के हिसाब से चुनाव प्रबंधन की योजना दोनों दल बना चुके हैं। इस काम में माहिर माने जाने वाले नेताओं को भाजपा ने चुनाव की जिम्मेदारी दे रखी है। कांग्रेस ने भी हर बूथ में १० से १५ पन्ना प्रभारी बनाए हैं और उन्हें प्रशिक्षण दिया है। दोनों ही दल मानते हैं कि पन्ना स्तर तक तैयार योजना पर अमल यदि ठीक से हो गया तो जीत की राह आसान हो जाएगी। अब देखना है कि कौन सा दल चुनाव में इस स्तर तक मेहनत कर मतदाताओं का आशीर्वाद पा सकता है। उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने मतदाता सूची के हर एक पन्नों का प्रभारी किसी एक कार्यकर्ता को नियुक्त कर दिया है। हर एक पन्ना प्रभारी को मात्र ३० मतों की जिम्मेदारी दी गई है। दरअसल मतदाता सूची के एक पेज पर अधिकतम ३० मतदाताओं के नाम ही दर्ज रहते हैं। कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी बांटकर यह कहा गया है कि उन्हें उनके पन्नों पर दर्ज ३० मतदाताओं के वोट ही अपने पक्ष में डलवाना है।
यूपी की सात सीटों पर उपचुनाव
उत्तर प्रदेश की सात रिक्त विधान सभा सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में रविवार की शाम चुनाव प्रचार थम गया। अब आगामी तीन नवम्बर को मतदाता अपने फैसले को ईवीएम में कैद करेंगे। सोमवार को इन सातों विस सीटों के मतदान केन्द्रों के लिए सुरक्षा बल और पोङ्क्षलग पाॢटयां रवाना हो जायेंगी। मतदान के मद्देनजर इन सात सीटों से जुड़े जिलों में शराब, बीयर तथा भांग की सभी लाइसेंसी दुकानें बंद हो गयी हैं। अब यह दुकानें मतदान खत्म होने के बाद खुलेंगी। उप्र विधानसभा की जिन सात सीटों पर उपचुनाव हो रहा है उनमें-अमरोहा जिले की नौगवां सादात, बुलंदशहर, फिरोजाबाद जिले की टूण्डला सुरक्षित, उन्नाव की बांगरमऊ, कानपुर नगर की घाटमपुर सुरक्षित, देवरिया और जौनपुर जिले की मल्हनी। जिन सीटों पर उपचुनाव हो रहा है उनमें से छह सीट भाजपा के पास हैं। भाजपा ने सातों सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। उपचुनाव के परिणाम को २०२२ के विधासभा चुनाव के सेमीफइनल के रूप में देख जा रहा है।
अंतिम दिन भी जम कर चले व्यंग्यबाण
मप्र में २८ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव का प्रचार रविवार को शाम ६ बजे थम गया। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन रविवार को भी भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए।
पहली बार देखे हैं इस तरह के गद्दार और बिकाऊ :कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ग्वालियर में पत्रकारवार्ता में कहा कि कांग्रेस में लोग आते-जाते रहे हैं। कोई न कोई कारण रहा, लेकिन इस तरह की गद्दारी और बिकाऊ पहली बार देखी है। मुझे जनता पर पूरा विश्वास है। वह इसका जवाब ३ नवंबर को देगी। नाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने शिलान्यास और नारियल फोड़ा। मौका मिला है, जनता को मूर्ख बनाने का। हमारी १५ महीने की सरकार रही। ढाई महीने लोकसभा चुनाव में गए। फिर तीन महीने सौदेबाजी में रहे। मैं मुख्यमंत्री था। मुझे तीन पहले से पता था कि सौदेबाजी चल रही है। मैंने कौन सी गलती की। यही ना कि सौदेबाजी नहीं की। मैं मध्यप्रदेश में यह नहीं होने देना चाहता था। पहले दिन से झूठ बोल रहे हैं कि किसानों का कर्जा माफ नहीं किया। कोई कर्जा माफ नहीं होगा। लेकिन विधानसभा में खुलकर बोले २२ लाख किसानों का कर्जा माफ हुआ। अगर सरकार रहती तो हर किसान का कर्जा माफ होता। अगर आगे कांग्रेस सरकार आई तो सबका कर्जा माफ होगा।
रोज आईना मे अपना चेहरा कैसे देख लेते हो: शिवराज
उधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देवास, मंदसौर, आगर और राजगढ़ जिले में प्रचार के आखिरी दिन जनसभाओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कमलनाथ रोज सुबह आप आईना में अपने आप को कैसे देख पाते होंगे? नाथ झूठ फैलाने बंद करें। इस उम्र में उन्हें यह शोभा नहीं देता है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने १५ महीने में प्रदेश को लूटा है और सिर्फ झूठ बोला है। किसानों का कर्जा माफ नहीं किया। युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया। उन्होंने किया है तो सिर्फ होनहार के सपने छीनने का काम किया है। किसानों की आशाओं को छीना है। प्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर वे लोगों में भ्रम फैला रहे हैं।