तसल्ली के बाद भक्तों ने नगर पालिका कर्मियों को सौंपी प्रतिमायें

अनंत चतुर्दशी पर भक्ति भाव से दी गई प्रथम पूज्य को विदाई, हुई विशेष पूजा-अर्चना

उमरिया। अनंत चतुर्दशी पर प्रथम पूज्य भगवान गणेश जी को श्रद्धा और भक्ति भाव से विदाई दी गई। घरों मे कल विशेष पूजा-अर्चना करने के उपरांत प्रतिमायेें नगर पालिका कर्मियों को सौंपी जाने लगी। जिन्होने वाहनो के द्वारा नदी के तट पर लाकर विधि-विधान पूर्वक उनका विसर्जन किया। हलांकि इस दौरान श्रद्धालुओं ने अमले से विसर्जन स्थल के बारे पूंछताछ की तथा स्वच्छता के सांथ गणपति को प्रवाहित करने का आश्वासन लेने के बाद ही भगवान की प्रतिमायें उनके हवाले की। गौरतलब है कि कोरोना महामारी और बारिश के कारण जलाशयों व नदियों मे पानी के बढ़े स्तर को देखते हुए कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के निर्देशन मे इस बार गणपति विसर्जन के खास इंताजामात किये गये थे। सार्वजनिक आयोजन की बजाय जिले के समस्त नगरीय निकायों, जनपद मुख्यालयों एवं बडे कस्बों की ग्राम पंचायतो मे विसर्जन के लिये शासकीय अमले को तैनात किया गया था। जिसकी देखरेख के लिये कार्यपालिक दण्डाधिकारी जगह-जगह तैनात रहे।
फोटो-उमरार के तट पर गणपति की प्रतिमाओं को विधि-विधान से विसर्जित करने नपा कर्मचारी
नगर पालिकाओं की सराहनीय व्यवस्था
जिले की नगर पालिकाओं तथा नगर परिषदों मे विसर्जन की व्यवस्था बेहद शानदार रही जिसकी वजह से कहीं भी कोई असंतोष और विवाद की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। दोपहर बाद से ही शहरों मे नगर पालिका के वाहन रूटचार्ट के अनुसार प्रतिमायें एकत्रित करने के कार्य मे लग गये। इसके लिये साफ और सजावटयुक्त वाहनों की व्यवस्था की गई थी। नगर पालिका परिषद उमरिया मे सीएमओ शशिकपूर गढपाले, स्वच्छता निरीक्षक नारायण दुबे तथा पाली और नौरोजाबाद मे मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्रीमती आभा त्रिपाठी पूरे समय तक व्यवस्था का जायजा लेती रहीं।
कलेक्टर, एसपी ने की मॉनिटरिंग
गणेश विसर्जन के लिये विसर्जन कुण्ड बनाये गये थे। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव एवं पुलिस अधीक्षक वीके शाहवाल द्वारा स्वयं पूरे कार्यक्रम की मानीटरिंग की गई। व्यवस्था को सुचारू बनाने हेतु प्रमुख चौराहों, बाजार क्षेत्रों तथा संभावित भीड-भाड वाली जगहों के साथ ही विसर्जन स्थलों पर पुलिस की तैनातगी की गई थी।
लोगो मे रही संशय की स्थिति
इस बार सार्वजनिक पण्डालों की बजाय सिर्फ घरों मे ही प्रतिमाओं की स्थापना और शासकीय अमले द्वारा उनके विसर्जन की व्यवस्था जिले मे पहली बार की गई थी। सभी इस बात का संतोष करना चाहते थे कि उनके ईष्ट का विसर्जन विधि-विधान पूर्वक स्वच्छ जल मे हो। कुछ स्थानो पर श्रद्धालुओं मे इसे लेकर संशय की स्थिति बनी रही। कई जगहों पर तो कर्मचारियों के वाट्सएप पर विसर्जन स्थल देखने और संतुष्ट होने के बाद ही प्रतिमायें सौंपी गई। लोगों का मानना है कि यदि एक-दो दिन पूर्व जनप्रतिनिधियों और गणमान्य नागरिकों के सांथ चर्चा कर ली जाती तो इस तरह की भ्रम और संशय की स्थिति से बचा जा सकता था। बहरहाल जिला प्रशासन एवं नगर पालिकाओं के व्यव्स्था की लोगों ने सराहना की है।
विदा हुए बहराधाम के लंबोदर


बहराधाम मे विराजे लंबोदर भगवान को कल पूजा-आरती के पश्चात गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ के जयघोष के सांथ विदा किया गया। इस मौके पर रघुराज मानस कलामंदिर के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अजय सिंह सहित अन्य नागरिक और बच्चे उपस्थित थे। अंतिम पूजा के बाद सूचित करने पर तत्काल नगर पालिका का अमला बहराधाम पहुंचा और प्रतिमा को वाहन के द्वारा ससम्मान अपने सांथ ले गया।

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