तय हुआ स्कूली बच्चों के बस्ते का बोझ

तय हुआ स्कूली बच्चों के बस्ते का बोझ

जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहुंची शासन की स्कूल बैग पॉलिसी

बांधवभूमि न्यूज

मध्यप्रदेश, उमरिया
राज्य शासन द्वारा स्कूली बच्चों के बस्तों का वजन तय कर दिया है। इस संबंध मे मध्यप्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा पत्र जारी करते हुए शिक्षा विभाग को इसका पालन सुनिश्चित करने हेतु कहा है। जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. एमएस गौर ने बताया कि संचालनालय का उक्त आदेश समस्त शासकीय, अशासकीय एवं अनुदान प्राप्त शालाओं पर लागू होगा। उनके मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूल बैग पॉलिसी 2020 मे कक्षा एक से 12वीं तक के विद्यार्थियों के बस्तों का वजन निर्धारित किया गया है। जिसके परिपालन मे आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।

पूर्व के सभी आदेश निरस्त
बताया गया है कि शासन ने मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के पत्र अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु स्कूल बैग पॉलिसी 2020 के पालन का निर्णय लिया है। सांथ ही बस्ते का बोझ तय करने के संबंध मे पूर्व मे जारी समस्त आदेश निर्देश निरस्त करते हुए कक्षावार बस्ते के वजन की सीमा का निर्धारण किया है।

किस कक्षा का कितना वज़न
जारी आदेश के अनुसार स्कूलों के पहली और दूसरी कक्षा मे पढऩे वाले बच्चों के बस्ते का वजन 1.6 से 2.2 किलो, तीसरी, चौथी व 5वीं के बस्ते 1.7 से 2.5 किलो, 6वी, 7वीं 2.0 से 3.0 किलो, 8वीं 2.5 से 4.0 किलो तथा 9वीं और 10वीं के बस्तों का वजन 2.5 से 4.5 किलो होगा। जबकि 11वीं तथा 12वीं के बस्तों का वजन शाला प्रबंधन समिति द्वारा विभिन्न विषय स्ट्रीग के अनुसार तय किया जायेगा।

ये भी लिये गये निर्णय
शासन ने बस्तों का बोझ कम करने के मकसद से और भी कई निर्णय लिये हैं। जिसमे मुख्य रूप से विद्यालयों के नोटिस बोर्ड पर बस्तों का वजन चार्ट प्रदर्शित करने, कक्षा 2 के विद्यार्थियों को गृह कार्य नहींं देने, 3 से 5वीं तक के विद्यार्थियों को प्रति सप्ताह 2 घंटे, कक्षा 6वीं से आठवीं तक प्रतिदिन 1 घण्टे तथा कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को प्रतिदिन 2 घंटे का गृह कार्य दिये जाने के निर्देश हैं। शाला प्रबंधन समिति को ऐसी समय-सारणी तैयार करने को कहा गया है, जिससे विद्यार्थियों को प्रतिदिन पुस्तकें, अभ्यास पुस्तिकायें और कॉपियां नहीं लानी पड़े। कक्षा 8वीं तक के विद्यार्थियों के लिये अभ्यास पुस्तिकाएं, वर्क बुक एवं अन्य आवश्यक सामग्री शाला मे ही रखने की व्यवस्था की जायेगी। डीईओ ने बताया कि आदेश मे कम्प्यूटर, नैतिक शिक्षा, सामान्य ज्ञान, स्वास्थ्य शारीरिक शिक्षा खेल एवं कला की कक्षायें बिना पुस्तकों के ही लगाये जाने, विद्यालयों मे सप्ताह का एक दिन बैगविहीन दिवस के रूप में निर्धारित करने का भी उल्लेख है। इसका पालन सुनिश्चित करने हेतु प्रत्येक तीन माह मे विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया जायेगा।

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