विगत महीने हुई बाधिन की मौत अभी भी बनी है रहस्य
उमरिया। ढाई महीने पहले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे हुई सोलो बाघिन 42 और उसके दो शावकों की मौत अभी भी रहस्य बनी हुई है। जहां दो बड़े मामलों मे बांधवगढ़ की टीम को सफलता मिल चुकी है वहीं इस मामले मे अभी तक वन विभाग के हाथ खाली हैं। ढाई महीने पहले 17 अक्टूबर को सोलो बाघिन 42 की लाश उसके दो शावकों की लाश के साथ महामन में पाई गई थी। इस मामले मे बांधवगढ़ की एक संस्था ने इनाम की घोषणा भी की थी, लेकिन इसके बावजूद अभी तक शिकारियों का पता नहीं चल पाया। हालांकि यह बात बार-बार सामने आ रही है कि सोलो बाघिन 42 और उसके दो शावकों की मौत जहर से हुई थी। वही अभी इस बाघिन के 2 लापता शावकों का भी पता नहीं चल रहा है।
इस मामले मे मिली सफ लता
तीन महीने पहले करंट लगा कर बाघ का शिकार करने वाले तीन तस्करों को वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार कर लिया था। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया तथा वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो जबलपुर की संयुक्त कार्रवाई मे आरोपियों को शहडोल जिले के सरसी गांव से दबोचा था। तीनो आरोपी बाघ के अंग बेचने के लिए गांव के मंदिर पहुंचे थे। आरोपियों के पास से बाघ का शरीर, सड़ी खाल, चार दांत, 10 नाखून तथा मूंछ के बाल जब्त किए गए। इनके विरूद्ध वन्य जीव निरोधक प्रोटेक्शन 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कराया गया था। बोरी मे बाघ के अंग लेकर पहुंचे तीनों तस्करों को टीम ने दबोच लिया। गिरफ्तार मे आये तस्करों मे दो सरसी गांव निवासी विनोद व रघुवीर चौधरी और तीसरा चोरमरा गांव निवासी संतोष चौधरी था। पूछताछ मे पता चला कि संतोष का एक भाई पूर्व मे भालू के शिकार मे पकड़ा जा चुका है।
यह राज भी खुला
पाली तहसील क्षेत्र अंतर्गत विगत एक मांह पूर्व मृत पाये गये नर तेंदुए की हत्या के आरोप मे वन विभाग की टीम द्वारा 4 आरोपियों को हिरासत मे ले लिया था। इनके पास से तेंदुए के दांत, नाखून, मूंछ के बाल तथा हत्या मे प्रायुक्त जीआई तार, खूंटी, कुल्हाड़ी, सब्बल और सायकिल जब्त की गई थी। आरोपियों के नाम श्यामलाल उर्फ बाबू पिता अघनिया बैगा निवासी पाली, कैैलाश पिता कस्तू बैगा, बहादुर पिता सूरत बैगा एवं रामधनी पिता चमरू बैगा सभी निवासी ग्राम सलैया तहसील पाली के थे।
बांधवगढ़ मे अलर्ट
लगातार तेज हो रही ठंड को देखते हुए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे अलर्ट घोषित कर दिया गया है। सभी रेंजरों, एसडीओ और फील्ड के कर्मचारियों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। अधिक ठंड का फ ायदा उठाकर शिकारी बांधवगढ़ के जंगल के अंदर घटना को अंजाम दे सकते हैं। यही कारण है कि बांधवगढ़ के अधिकारियों ने जंगल के अंदर किसी भी तरह की घटना को रोकने के लिए सतर्कता बरतने पर जोर देना शुरू कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ महामन मे हुई घटना पर भी अधिकारी गंभीरता से जांच कर रहे हैं अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही इस मामले मे कोई खुलासा हो सकता है।
ढाई महीने बाद भी नहीं पकड़े गए शिकारी
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