वर्ल्ड डेस्क, बांधवभूमि, वॉशिंगटन।
अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने की नाकाम कोशिश करने वालों में अकेले डोनाल्ड ट्रंप नहीं हैं। उनसे पहले 10 लोग और हैं, जिनके साथ ऐसा हुआ है। अब ट्रंप का नाम भी अमेरिका के उन 11 राष्ट्रपतियों की सूची में दर्ज हो गया है, जिन्होंने इस पद पर बने रहने के लिए लगातार दोबारा जीत हासिल करने की नाकाम कोशिशें की थीं।
रिचर्ड निक्सन के इस्तीफे के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति बने गेराल्ड फोर्ड 1976 में दोबारा राष्ट्रपति बनने के अपने प्रयासों में सफल नहीं हुए थे।ट्रंप से पहले पुन: चुनाव में पराजित होने वाले राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश (1992 में) थे। ग्रोवर क्लीवलैंड 1888 में पुन: राष्ट्रपति बनने के अभियान में हार गये थे, लेकिन वह चार साल बाद तत्कालीन राष्ट्रपति बेंजामिन हैरिसन को हराकर पुन: राष्ट्रपति बन गये थे। सीएनएन की खबर के अनुसार वह अमेरिकी इतिहास में एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति रहे जो दो बार राष्ट्रपति रहे लेकिन लगातार दो कार्यकाल में नहीं।
सीएनएन के अनुसार इस सूची में उन राष्ट्रपतियों के नाम नहीं हैं जिन्हें उनसे अगले कार्यकाल के लिए होने वाले आम चुनाव में उनकी पार्टी की ओर से उम्मीदवर नहीं बनाया गया। तीन नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रत्याशी जो बाइडन ने अपने प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन उम्मीदवार और मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हराया है।
चुनाव में हार स्वीकार करने के संबंध में दामाद जेरेड कुशनर ने ट्रंप से बात की
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दामाद तथा वरिष्ठ सलाहकार जेरेड कुशनर ने चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जो बाइडन से करीबी मुकाबले में मिली हार को स्वीकार करने के सिलसिले में ट्रंप से बात की है। रविवार को मीडिया में आईं खबरों में यह बात कही गई है। गौरतलब है कि ट्रंप ने कहा था कि बाइडन ‘जल्दबाजी में गलत तरीके से खुद को विजेता बता रहे हैं’ और चुनावी दौड़ ‘अभी खत्म नहीं हुई है।’ ट्रंप के उस बयान के बाद कुशनर ने उनसे मुलाकात की है।
सीएनएन ने दो अज्ञात सूत्रों के हवाले से कहा है कि कुशनर ने हार स्वीकार करने के लिये ट्रंप से बात की है। एसोसिएटेड प्रेस ने भी रविवार को खबर दी कि कुशनर और अन्य लोगों ने राष्ट्रपति से चुनाव नतीजों को स्वीकार करने का अनुरोध किया। ट्रंप ने एक बयान में कहा था, ‘जब तक अमेरिकी जनता के वोटों की ईमानदारी से गिनती नहीं हो जाती, तब तक मैं हार नहीं मानूंगा। वे इसके हकदार हैं और यह लोकतंत्र का तकाजा है।’ उन्होंने कहा था कि वह सोमवार से कानूनी लड़ाई भी शुरू करेंगे।