डीएपी ने रोकी गेहूं की बुआई
किसान फिर परेशान, मजबूरन मंहगे दाम पर खरीदनी पड़ रही खाद
मानपुर/रामाभिलाष त्रिपाठी। शासन और प्रशासन द्वारा खाद और बीज की समय पर आपूिर्त के बार-बार निर्देश देने के बावजूद कृषि विभाग तथा विपणन संस्थाओं के कानो मे जूं तक नहीं रेंग रही है। नतीजन हर सीजन की तरह इस बार भी किसानो को ठगी व नुकसानी का सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि इन दिनो जिले के किसान रातो-दिन रबी की खेती मे जुटे हुए हैं। इस काम मे उन्हे तत्काल डीएपी की जरूरत है पर सोसायटियों के गोदाम खाली हैं, ऐसे मे कई स्थानो पर बोनी रूक गई है।
अधिकारियों की मिली भगत
खाद की किल्लत के कारण अब इसकी कालाबाजारी भी शुरू हो गई है बताया जाता है कि मानपुर और आसपास के बाजारों मे डीएपी प्रति बोरी 1500-1600 रूपये मे बेची जा रही है। जबकि सोसायटियों मे यही खाद 1300 रूपये मे मिल जाती है। जानकारों का मानना है कि यह सब सोसायटियों व कृषि विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से होता है। आरोप तो यह भी है कि दुकानदार अधिकारियों को बकायदा कमीशन तक देते हैं। बदले मे वे जानबूझ कर खाद के बीज का आर्डर करने मे या तो देरी करते हैं या फिर जरूरत से कम माल की खरीद करते हैं। ताकि ऐन मौके पर खाद की कमी हो जाय और मुनाफाखोरों को किसानो का शोषण करने का मौका मिल जाय।
चीन्ह-चीन्ह कर कार्यवाही
बताया जाता है कि बाजार मे बिक रही डीएपी खाद मंहगी होने के सांथ ही गुणवत्ताविहीन भी है। इस संबंध मे कृषि विभाग द्वारा ना तो जांच की जाती है और ना हीं नक्कालों के खिलाफ कोई कार्यवाही ही होती है। विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि जिले मे सालों से जमे उप संचालक केवल उन्ही दुकानदारों के विरूद्ध कार्यवाही के आदेश देते हैं, जो उन्हे सुविधा शुल्क की चढ़ोत्री नहीं करते। इसी सेटिंग के कारण मुनाफाखोरों और धांधलीबाजों के हौंसले बुलंद चल रहे हैं।
घटिया खाद मढऩे की साजिश
यह भी जानकारी मिली है कि मानपुर बेयर हाऊस मे करीब 600 टन अमानक डीएपी रखा हुआ है। आशंका है कि विभाग के भ्रष्ट अधिकारी इस घटिया खाद को किसानो के सिर मढऩे की जुगत मे हैं। इसी साजिश के तहत खाद की कृतिम किल्लत पैदा की जा रही है।
यह है दिक्कत की वजह
600 टन खाद अमानक होने तथा रैक नही लग पाने के कारण डीएपी की कमी हुई है। दो से तीन दिन के अंदर खाद आने की उम्मीद है।
शाखा प्रबंधक
कैलाश प्रसाद मिश्रा