डिंडौरी की सीमा पर दिखा बाघों का कुनबा?
सोशल मीडिया मे वायरल हुई तस्वीरें, सुरक्षा को लेकर चिंतित वन्यजीव प्रेमी
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
जिले मे बाघों की बढ़ती आबादी ग्रामीणों के सांथ खुद उनके लिये भी समस्या बनती जा रही है। जानकारों के अनुसार क्षेत्र संघर्ष की बढ़ती घटनायें भी इसी वजह से हो रही हैं। इतना ही नहीं कई शावक से वयस्क हुए कई बाघ अपने लिये नया इलाका भी खोज रहे हैं। विगत दिनो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरें भी यही बयां कर रही हैं। जिनमे रात के अंधेरे मे तीन बाघों का कुनबा एक सडक़ पार करता दिखाई दे रहा है। लोगों का दावा है कि ये बाघ शहपुरा के पूर्व रोड पार कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि हर बाघ का अलग अपना क्षेत्र होता है, जिसमे वह किसी का भी दखल बर्दाश्त नहीं करता। बताया जाता है कि बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के अलावा सामान्य वन मण्डल के जंगलों मे भी कई बाघ हैं। बीते वर्षो मे उनकी तादाद काफी बढ़ी है, लिहाजा सभी को अपने लिये एक टेरीटेरी और भोजन की व्यवस्था चाहिये। इसी की वजह से बाघों को नया ठिकाना तलाश करना पड़ रहा है। जानकारी मिली है कि डिंडौरी से लगे जिले के करही, बेलसरा और कठौतिया आदि गावों के आसपास व जंगलों मे बाघों की गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। यह वही इलाका है जहां जंगली लकड़ी अवैध कटाई तथा तस्करी बड़े पैमाने पर होती है। मतलब यहां शिकारियों का पहुंचना भी बेहद सरल है। ऐसे असुरक्षित क्षेत्र मे दुर्लभ वन्यजीवों का रूख करना खतरे से खाली नहीं है। वन्यजीव प्रेमियों का मानना है कि बाघ, तेंदुआ जैसे बेशकीमती जानवरों की रक्षा के लिये वन विभाग को विशेष सतर्क रहने की जरूरत है।