ट्रेनबंदी का आदेश ”अकारण”
रेलवे ने नहीं बताई निरस्तगी की वजह, महीना भर नहीं चलेंगी 4 ट्रेनें
बांधवभूमि, उमरिया
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने एक बार फिर संभाग से गुजरने वाली 4 अत्यंत महत्वपूर्ण यात्री ट्रेनो को निरस्त करने का फैंसला किया है। खास बात यह है कि इस बार प्रशासन ने अपने फरमान मे गाडिय़ों के रद्द होने का कोई कारण तक नहीं बताया है। सूत्रों का दावा है कि यह आदेश संबंधित स्टेशन मास्टरों तक पहुंचा दिया गया है, जिसके मुताबिक भोपाल-बिलासपुर, जबलपुर-अंबिकापुर, बिलासपुर-रीवा एवं रानी कमलापति-सांतरागाछी अप तथा डाऊन ट्रेने 28 मार्च से रद्द कर दी गई हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व तक गाडिय़ों के निरस्त होने के पीछे इंटरलॉकिंग, तीसरी लाईन का निर्माण, रखरखाव आदि कारण बताये जाते थे, पर अब इसका उल्लेख बंद कर दिया गया है। मतलब साफ है कि रेलवे जब चाहे ट्रेने बंद करे और जब मर्जी चालू करे, इसकी वजह बताना जरूरी नहीं है।
चालू रहेंगी मालगाडिय़ां
मजे की बात यह है कि इस दौरान एक भी मालगाड़ी का संचालन प्रभावित नहीं होगा। सवाल उठता है कि जब उन्ही पटरियों पर गुड्स ट्रेने दौड़ सकती हैं तो यात्री ट्रेनों को चलाने मे क्या दिक्कत है। सच्चाई यह है कि गर्मी आते ही उद्योगपतियों के पॉवर प्लांटों तक कोयला पहुंचाने के लिये यात्रियों को मुसीबत मे झोंकना रेलवे का शगल बन चुका है। अध्ययन के मुताबिक जब भी रेल प्रबंधन किसी बहाने से यात्री ट्रेने रद्द करता है, उस दौरान मालगाडिय़ों के परिचालन मे 10 से 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जाती है।
राजनैतिक शून्यता का दंश
रेलवे की मनमानी सिर्फ बिलासपुर से कटनी के बीच ही क्यों चलती है, क्यों नहीं नागपुर, रायपुर तथा अन्य क्षेत्रों मे यात्री गाडिय़ों को इस तरह अचानक रद्द किया जाता है। यह ज्वलंत प्रश्न आज सबकी जुबान पर है। जानकारों का मानना है कि शहडोल संभाग की राजनैतिक शून्यता और जनप्रतिनिधियों मे इच्छा शक्ति आभाव इस दुर्दशा का मुख्य कारण है। जिन लोगों को यहां की जनता ने 4 लाख वोटों से जिता कर दिल्ली भेजा, उन्होने कभी भी इस अन्याय पर मुंह खोलना उचित नहीं समझा। उमरिया जिले से खुलेआम टे्रनो के स्टापेज छीने जा रहे हैं, इस संबंध मे भी सांसद की बोलती बंद है। जिसका नतीजा सबके सामने है।
होटलों मे रूक रहीं छात्रायें
ट्रेन सुविधाओं मे हो रही कटौती तथा स्टेशनो पर स्टापेज समाप्त करने से जहां जिले का विकास अवरूद्ध हुआ है। वहीं आम जनता को भी इससे भारी दिक्कत हो रही है। ऐसे छात्र-छात्रायें जो पाली, नौरोजाबाद सहित विभिन्न इलाकों से उमरिया आकर पढ़ाई कर रहे हैं, उनकी और भी ज्यादा फजीहत है। इन दिनो महाविद्यालयीन परीक्षायें चल रही हैं। जो सुबह 7 बजे प्रारंभ हो जाती है, ऐेसे मे साधन न होने के कारण कई छात्र-छात्राओं को रात मे ही उमरिया आना पड़ रहा है। कई छात्रायें तो होटलों मे रूक रही हैं।
4 मई तक बंदी का ऐलान
रेलेवे का आदेश सोमवार से लागू हो गया है। जबलपुर से अंबिकापुर जाने वाली ट्रेन कल कैंसिल रही। यह ट्रेन 3 मई तक रद्द रहेगी। इसके अलावा अंबिकापुर-जबलपुर 4 मई तक, भोपाल-बिलासपुर 3 मई तक, बिलासपुर-रीवा 3 मई तक, रीवा-बिलासपुर 4 मई तक, रानी कमलापति-संतरागाछी हमसफर 30 मार्च से 27 अप्रैल एवं संतरागाछी-रानी कमलापति 31 मार्च से लेकर 28 अप्रैल तक निरस्त रहेगी।