टेक्सी भाड़े मे आया उछाल

टेक्सी भाड़े मे आया उछाल
मंहगे डीजल का साईड इफेक्ट, बस संचालक भी कर रहे इंतजार
उमरिया। पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों का असर अब आम-जीवन पर दिखने लगा है। रेल और बसों के किराये मे होने वाली वृद्धि की चर्चा चल ही रही है। इससे पहले ही टेक्सियों के भाड़े मे भारी उछाल आ गया है। दरअसल ट्रेन और बसों के बाद टेक्सियां ही आवागमन का महत्वपूर्ण जरिया हैं। जिनका उपयोग आमतौर पर लोग रिश्तेदारी, गमी, शादी या अन्य कार्यक्रमो मे पहुंचने के लिये करते हैं। मंहगे डीजल और अधिकांश स्थानो पर लगने वाली टोल टेक्स के कारण टेक्सियों की सवारी भी अब आम आदमी की पहुंच से दूर हो चली है। बताया जाता है कि फरवरी के महीने मे ही इनका किराया करीब 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ चुका है। उदाहरण के तौर पर शहडोल और कटनी का किराया इससे पहले तक 1500 से 1800 के बीच लग रहा था, वह अब बढ़ कर 2000 से 2200 तक पहुंच चुका है।
और बढ़ेगी मंहगाई
जानकारों का मानना है कि जिस तरह से डीजल और पेट्रोल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, उससे हर स्तर पर मंहगाई देखने को मिलेगी। डीजल के कारण जहां बसों का भाड़ा और ट्रांसपोटिंग की कीमतें बढ़ेंगी वहीं इससे किराना, गल्ला, इलेक्ट्रानिक उपकरण सहित रोजमर्रा के उपयोग आने वाली हर वस्तु अपने आप मंहगी हो जायेगी।
लोकल किराया भी बढ़ा
डीजल के दामो मे बेहताशा वृद्धि के कारण छोटे-मोटे वाहनो ने पहले ही किराया और भाड़ा बढ़ा दिया है। जिसके कारण ग्रामीण अंचलों से जिला मुख्यालय पहुंचने वाले किसान और गरीब तबके पर मंहगाई की जबरदस्त मार पड़ी है। बताया जाता है कि करकेली से उमरिया आने के लिये अब 20 के स्थान पर 30, चंदिया से 40, नौरोजाबाद तथा जरहा आदि से आने पर 50 रूपये देने पड़ रहे हैं। इसी तरह माल भाड़े मे भी करीब 20 रूपये क्विंटल की तेजी आई है। हलांकि कुछ टेक्सी संचालक अभी भी अपना किराया न्यूनतम रखे हुए हैं। ऐसे ही एक संचालक पवन त्रिपाठी ने बताया है कि वे उमरिया से जरहा का भाड़ा 40 रूपये प्रति क्विंटल ले रहे हैं।
टोल टेक्स ने पूरी की कसर
पेट्रोलियम पदार्थो के अलावा टोल टेक्स भी टेक्सियों का भाड़ा बढऩे की मुख्य वजह है। बताया जाता है कि हाईवे पर रीवा आने-जाने के लिये वाहनो को करीब 400 रूपये तक टोल देना पड़ रहा है जबकि जबलपुर रोड पर 270 और कटनी मार्ग पर 80 रूपये चुकाना पड़ता है। इससे बचने के लिये कई लोग जबलपुर वाया शहपुरा तथा मैहर के लिये खितौली-बरही हो कर जाना पसंद करते हैं। हलांकि यह जुगाड़ भी ज्यादा दिनो तक चलने वाला नहीं है।

 

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