टाइगर रिजर्व मे बंद होगी नाइट सफारी

पीसीसीएफ ने जारी किया आदेश, वाहनों के शोर और रोशनी से जंगली जानवरों को हो रही परेशानी
बांधवभूमि, उमरिया
जिले के बांधवगढ़ रिजर्व सहित प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व मे नाइट सफारी पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध मे पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने समस्त टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर को पत्र लिखकर नाइट सफारी पर प्रतिबंध लगाने हेतु निर्देश जारी किये हैं। पीसीसीएफ ने पत्र मे लिखा है कि नाइट सफारी के कारण जंगल के जानवर परेशान होते हैं। हालांकि उन्होंने टाइगर रिजर्व के बाहर अर्थात रेगुलर फारेस्ट मे नाईट सफारी जारी रखने की बात कही है। उल्लेखनीय है कि विगत दो वर्षो से टाइगर रिजर्वाे के बफर जोन मे नाइट सफारी कराई जा रही थी।
तनाव में जंगली जानवर
वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि नाइट सफारी के कारण जंगली जानवर बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। रात के समय जब जंगल के अंदर सन्नाटा छा जाता है, वाहनों की आवाज और रोशनी वन्यजीवों के लिए घातक हो सकती है। वे इसके अभ्यस्त नहीं है, विभाग ने इसे बंद करने का फैंसला किया है।
बफर मे सफर का आकर्षण
मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नवंबर 2020 मे बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से बफर मे सफर योजना शुरू की थी। इस योजना का उद्देश्य आदिवासियों को जंगल से रोजगार उपलब्ध कराना था। बफर मे सफर की तरफ आकर्षण बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्व मे नाइट सफारी भी शुरू कर दी गई। हालांकि नाइट सफारी केवल टाइगर रिजर्व के बफर जोन मे ही कराई जा रही थी। दरअसल नई व्यवस्था के दौरान अफ्रीका के जंगल की तर्ज पर नाइट सफारी की मांग भी उठी और विभाग ने शाम सात से रात नौ या 10 बजे तक बफर क्षेत्र मे पर्यटन की अनुमति दे दी जिसके लिए गाडिय़ों की संख्या आठ से 10 ही रखी गई थी।
बांधवगढ़, कान्हा मे मिली सफलता
जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अलावा प्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व, पेंच टाइगर रिजर्व, सतपुड़ा और पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन में नाइट सफारी कराई जा रही थी। हालांकि नाइट सफारी को सबसे ज्यादा सफलता कान्हा टाइगर रिजर्व और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे ही मिली।
वन्यजीवों को हो रही दिक्कत
वन्य प्राणी विशेषज्ञ भी अधिकारियों के तर्क से सहमत हैं। उनका कहना है कि रात के समय जंगल के अंदर वाहन चलाने से जानवरों को परेशानी होती है। वाहनों की तेज लाइट चेहरे पर पडऩे से उनकी आंखें चुंधिया जाती है। वहीं इनके शोर से भी जंगली जानवर परेशान होते हैं। चूंकि जंगली जानवर प्राकृतिक रोशनी मे रहने की आदी है, इसलिए एनटीसीए ने मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्व मे कराई जा रही नाइट सफारी पर आपत्ति जताई है। इस मामले को लेकर एनटीसीए और मध्यप्रदेश वन विभाग के बीच लंबे समय से तकरार चल रही थी। सूत्रों के मुताबिक अभी तक अधिकारी इस मामले को लटकाए हुए थे, लेकिन जब एनटीसीए सख्त हुआ तो पीसीसीएफ जेएस चौहान ने सभी टाइगर रिजर्व को पत्र लिखकर नाइट सफारी बंद करने के लिए कह दिया है।
आपत्ति के बाद लिखा पत्र
एनटीसीए ने पार्कों मे नाइट सफारी पर आपत्ति ली है। जिसके बाद सभी टाइगर रिजर्व को नाइट सफारी प्रतिबंधित करने के लिए पत्र लिखा गया है।
जेएस चौहान
मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक, मध्यप्रदेश

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