झांसी मे मिला अभय सिंह का शव
ग्वालियर से गायब हुआ था युवक, नगर निगम कर्मचारी पर हत्या का आरोप
नई दिल्ली। ग्वालियर में एक कॉलेज संचालक के लापता बेटे का शव यूपी के झांसी के पास जली हालत में बरामद हुआ है। इससे पहले मामले में संदेही नगर निगम कर्मचारी ने पुलिस को बताया था कि पैसों के विवाद में युवक की हत्या कर शव नदी में फेंक दिया है, लेकिन शव कहां फेंका, यह नहीं बताया। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। अब शव बरामद होने के बाद पुलिस नए सिरे से जांच में जुट गई है। ग्वालियर के सिटी सेंटर सत्यम रेजीडेंसी में रहने वाले प्रशांत ङ्क्षसह परमार स्कूल-कॉलेज संचालक हैं। उनके ब्राइड नाम से शिक्षा संस्थान हैं। उनका बेटा अभय ङ्क्षसह परमार (२३) उर्फ प्रखर पिता के कामकाज में उनकी मदद करता था। प्रशांत ङ्क्षसह ने बताया कि मंगलवार दोपहर करन वर्मा बेटे को बुलाकर ले गया था। दोनों कार से निकले थे। करन वर्मा नगर निगम में कम्प्यूटर ऑपरेटर है। रात तक नहीं लौटा, तो फोन किया। दोनों के मोबाइल भी स्विच ऑफ मिले। देर रात उसकी कार नगर निगम ऑफिस के पास खड़ी मिली। इसके बाद परिवार वाले रात करीब १२ बजे विश्वविद्यालय थाना पहुंचे। उन्होंने करन वर्मा पर संदेह जताया। पुलिस ने रात में ही करन को हिरासत में ले लिया।
कर्मचारी ने जो बताया, उसे सुनकर उड़े होश
पूछताछ में करन वर्मा ने पुलिस को बताया कि उसने प्रखर की हत्या कर दी है। शव को ग्वालियर के आसपास किसी जगह फेंकने की बात कही है। यह सुनते ही पुलिस के पैरों तले जमीन खिसक गई। जब पुलिस ने पूछा- शव कौन सी नदी में फेंका ? तो कहता है कि याद नहीं आ रहा। उसने कुछ साथियों के भी नाम बताए। करन ने पुलिस को बताया है कि वह दोपहर में प्रखर को बुलाकर ले गया था। वहां से दो साथियों के साथ कार से निकला। कलेक्ट्रेट के पीछे न्यू पंचायत भवन के पास पीछे से कार में ही सीट पर बैठे अभय का गला रस्सी से कस दिया। इसी समय, ड्राइङ्क्षवग सीट पर बैठे मोनू नाम के साथी ने उसे गोली मार दी। इसके बाद शव को ठिकाने लगाया है। प्रशांत का कहना है कि रात को ही कार में ब्लड देखकर अनहोनी की आशंका जताई थी, लेकिन पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई।
पैसों के विवाद में मर्डर
प्रशांत परमार ने बताया कि करन वर्मा हमारे कॉलेज का छात्र रहा है। करीब एक साल पहले नगर निगम में उससे मुलाकात हुई थी। वहां उसकी नौकरी लग गई थी। प्रशांत ने बताया कि उसने करन वर्मा से कहा था कि डीडी नगर में कॉलेज भवन के निर्माण की अनुमति दिला देना। इस पर उसने ७.८ लाख रु पए में अनुमति दिलाने की बात कही थी। मैंने बेटे प्रखर को पैसे लेकर भेजा था। कहा था- पैसे जमा कर रसीद लेकर आना। उसने करन को पैसे दे दिए थे, लेकिन उसने रसीद नहीं दी। रसीद के लिए करन टालता रहा। उसने डेढ़ लाख रुपए और उधार लिए थे। मेरे कहने पर अभय रोजाना उससे रु पए मांगने जाता था। सोमवार को उसकी करन से बहस हुई थी।
झांसी मे मिला अभय सिंह का शव
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