एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने दी मंजूरी, वामपंथियों ने उठाए सवाल
नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू (जेएनयू) विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग ड्यूल डिग्री प्रोग्राम में नया कोर्स ‘काउंटर टेररिज्म यानि आतंकवाद रोधी’ जोड़ने पर विवाद शुरू हो गया है। दरअसल इस पेपर के माध्यम से छात्रों को आतंकवाद से निपटने का तरीका पढ़ाया जाएगा। दुनिया में आतंकवाद को रोकने में विश्व शक्तियां क्या भूमिका निभाती हैं। इस विषय को शामिल करने पर वामपंथी संगठनों ने सवाल उठाए हैं। वे इसे हटाने की मांग कर रहे हैं। जेएनयू स्कूल ऑफ इंटरनेशन स्टडीज के प्रोफेसर और चेयरपर्सन अरविंद कुमार के मुताबिक यह कोर्स बी-टेक करने के बाद अंतरराष्ट्रीय सबंधों में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए है। उन्होंने कहा कि ‘जिहाद’ एक वैश्विक चुनौती है। ऐसे समय में जब अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है, तब इससे समसामयिक विषय और कोई नहीं हो सकता था, ऐसे में इसका विरोध करना बेईमानी है। जिहाद को लेकर अलग-अलग देशों को आपसी सहयोग की जरूरत है। खासतौर पर दक्षिण एशिया के जियोपॉलिटिक्स पर इसका काफी प्रभाव है, जो लोग इसको लेकर विवाद कर रहे हैं, उन्हें ये भी देखना चाहिए कि इस विषय का हिस्सा साइबर और आर्थिक आतंकवाद को भी बनाया गया है।
जेएनयू में शुरू होगा आतंकवाद रोधी कोर्स
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