कहीं शौचालय नहीं तो कहीं बड़ी ट्रेनों का नहीं स्टॉपेज, टिकट खिड़की भी
नहीं पर्याप्त संख्या मे
उमरिया। क्षेत्र के सभी रेलवे स्टेशनों मे कोई न कोई समस्या बनी हुई है। लोढा रेलवे स्टेशन की दुर्दशा को दूर करने की अभी तक कोशिश नहीं की गई है। डीआरएम भी कई बार आकर जा चुके हैं इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्र के इस रेलवे स्टेशन की समस्याओं का समाधान करने की कोशिश नहीं की जा रही है। यहां हाल यह है कि रेलवे स्टेशन मास्टर को भी शौंच के लिए दूसरे स्थान पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। यहां के लोग कई बार मांग कर चुके हैं कि रेलवे स्टेशन मे शौंचालय का निर्माण कराया जाए पर किसी की भी बात नहीं सुनी गई। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे अंतर्गत आने वाला लोढ़ा रेलवे स्टेशन सबसे बदहाल है। यहां के शौचालय की स्थिति को देखकर तो ऐसा लगता है जैसे यहां महीनों से सफाई नहीं हई है। इससे आम रेल यात्री सहित रेलवे के स्टाफ को भी निस्तार के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार महिला यात्रियों को विषम परिस्थतियों में काफी शर्मिदगी का सामना करना पड़ता है। लोढ़ा रेलवे स्टेशन मे बने सभी शौचालय जर्जर हैं जिनकी मरम्मत के लिए रेलवे मण्डल द्वारा कोई ध्यान नहीं ंिदया जा रहा है।
जिले के रेलवे स्टेशनों मे समस्याओं से जूझते हैं यात्री
Advertisements
Advertisements