पांच सौ 58 क्विंटल 80 किलो धान गायब होने का मामला
बांधवभूमि, उमरिया
पांच सौ 58 क्विंटल 80 किलो धान गायब होने के मामले मे की गई जांच की रिपोर्ट अभी तक कलेक्टर तक नहीं पहुंच पाई है। इस मामले मे असिसेंट रजिस्ट्रार कोआपरेटिव श्रीमती आरती पटेल का कहना है कि कलेक्टर छुट्टी पर चले गए थे जिसकी वजह से जांच रिपोर्ट पुटअप नहीं की जा सकी है। सोमवार को भी वे कई मीटिंग मे व्यस्त रहे जिसकी वजह से उन्हें रिपोर्ट नहीं सौंपी जा सकी है। पिछले दिनों जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक मे विधायक शिवनारायण सिंह ने भी आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित भरौला, द्वारा संचालित धान उपार्जन केन्द्र सलैया-5 मे कार्यरत कर्मचारी भूपेन्द्र सिंह के द्वारा लगातार की जा रही अनियमितताएं के लिये कार्रवाई करनें के निर्देश सहायक आयुक्त सहकारिता विभाग को दिए थे।
यह है मामला
जिले के सलैया धान खरीदी केंद्र से 858 क्विंटल 80 किलो यानी 1646 बोरी धान शर्ट होने के मामले मे लीपापोती की जाने लगी है। ताजा जानकारी के अनुसार इस धान को मिलर के द्वारा उठाया जाना बताया जा रहा है। हालांकि मिलर के द्वारा भी सिर्फ 335 क्विंटल धान उठाया जाना ही बताया जा रहा है जबकि 223 क्विंटल 80 किलो धान अभी भी शॉर्ट है। इस बारे मे मिली जानकारी के अनुसार खरीदी प्रभारी भूपेन्द्र सिंह ने चंदवार के किसी मिलर से 1082 बोरी का मामला सेट किया है। सोसायटी के सूत्रों से मिली जानकारी के
अनुसार इसके लिए तीन लाख रूपये खर्च किए गए हैं। असिसेंट रजिस्ट्रार कोआपरेटिव श्रीमती आरती पटेल का इस मामले मे कहना है कि ऐसी खबर उन तक भी पहुंची है लेकिन फिलहाल जो जांच हुई है उसका प्रतिवेदन कलेक्टर को भेजा जाएग, उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मिलर के पास धान होना दिखाने की कोशिश
तीन दिन पहले ही यह जानकारी सामने आई थी कि धान खरीदी केंद्र सलैया से 1646 बोरी धान गोल कर दिया गया है। यह धान कहां है इसकी कोई जानकारी नहीं थी। यहां कुल 442 किसानों से धान की खरीदी की गई है। कुल खरीदे गए धान की मात्रा 26897 क्विंटल है, जबकि यहां से परिवहन होने वाले धान की मात्रा 26238 क्विंटल है। शेष 558 क्विंटल 80 किलो धान कहां गया इसकी कोई जानकारी तब तक सामने नहीं आई थी। पूरी जानकारी अभी भी सामने नहीं आई है लेकिन सोसायटी मे इस बात की खबर है कि 335 क्विंटल धान चंदवार के मिलर के पास होना दिखाने की कोशिश की जा रही है।
विवादित रहा विक्रेता
बताया गया है कि बड़ेरी दुकान के प्रभार के दौरान भी विक्रेता भूपेन्द्र सिंह पर कई आरोप लगे थे और उन पर अर्थदंड रोपित किया गया था। अलग-अलग
मामलों मे उन पर कई हजार रूपये का अर्थदंड रोपित किया जा चुका है। ग्राम
पचांयत लोढ़ा की दुकान मे काम करने के दौरान भी ग्रामीणों ने जनसुनवाई में उनके खिलाफ शिकायत की थी जो जांच मे सही पाई गई थी। यह मामला वर्ष
2018 का है। पिछले साल अगस्त मे भी इनके खिलाफ शिकायत हुई थी जिसमें
इन्हें पद से पृथक कर दिया गया था। इसके बाद धान खरीदी से पहले पूरा जोर
लगाकर भूपेन्द्र सिंह ने फिर से धान खरीदी का प्रभार प्राप्त कर लिया और यहां भी धान शॉर्ट हो गई।
प्रशासक की भूमिका पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि भूपेन्द्र सिंह को धान खरीदी का प्रभार दिलाने मे समिति के प्रशासक संदीप साकेत ने भी अहम भूमिका निभाई है। धान शॉर्ट होने के मामले मे जब उनसे चर्चा की गई तो उन्होंने पूरा मामला सोसायटी प्रबंधक अशोक कुमार चतुर्वेदी पर छोड़ दिया। उनका कहना था कि इस बारे में जो भी जानकारी चाहिए वह सोसायटी प्रबधंकी ही दे सकेंगे। इस विषय मे हो रही चर्चा से समिति प्रशासक संदीप साकेत भागते हुए नजर आ रहे हैं।
कलेक्टर को भेंजेग रिपोर्ट
बताया गया है कि सलैया धान खरीदी केन्द्र से धान शॉर्ट होने के मामले की जांच की गई है और इसमें गड़बड़ी भी पाई गई है। इस बारे मे जानकारी देते हुए असिसेंट रजिस्ट्रार कोआपरेटिव श्रीमती आरती पटेल ने बताया कि जांच रिपोर्ट कलेक्टर को भेजी जाएगी और वे ही इस मामले मे कार्रवाई करेंगे। हालांकि जांच मे क्या पाया गया है इस बारे मे असिसेंट रजिस्ट्रार कोआपरेटिव श्रीमती आरती पटेल ने कुछ भी नहीं कहा है।
इनका कहना है
सलैया धान खरीदी केन्द्र से धान शॉर्ट होने की जानकारी मिली है। इस मामले
मे कोआपरेटिव सोसायटी के अधिकारी कार्रवाई करेंगे।
बीएस सिंह, जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी
जांच रिर्पोट पेश करने मे बरत रहे ढील
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