जर्जर भवनों मे संचालित हो रहा आंगनबाड़ी केंन्द्र

उमरिया। कार्यकर्ता और सहायिक केन्द्रों में समय पर आई कि नहीं, वे बच्चों को केन्द्रों मे ला रही हैं या नहीं बस इसी तरह की मॉनीटरिंग से आंगनबाड़ी केन्द्र चल रहे हैं और दूसरी समस्याओं की तरफ ध्यान बिल्कुल भी नहीं दिया जा रहा है। आगन बाडी केन्द्रों मे अटके सुविधा विस्तार के कार्य उमरिया जिले मे आगनबाड़ी केंन्द्रों की बदहाल सुविधाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही है। महीने पूर्व चिन्हित हुई कमियां आज भी जस की तस हैं। केन्द्र किराये के भवन से लेकर जर्जर इमारत व शौचालय विहीन भवनों मे संचालित हैं। जिले में 763 आगनबाड़ी केंन्द्र संचालित किए जा रहे हैं। जिनमें लगभग 53 हजार बच्चे दर्ज हैं। लेकिन अधिकांश आगनबाड़ी केंन्द्र मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। लगभग 325 केंन्द्र ऐसे हैं जो शौचालय विहीन हैं। इनमें शौचालय कब बनेंगे यह भी तय नहीं है जबकि शौचालय को शासन ने अत्यंत आवश्यक सुविधा मानते हुए हर संस्था के लिए जरूरी कर दिया है। इसके अलावा सैकड़ों की संख्या मे आगनबाड़ी केंन्द्रों के भवन जर्जर हैं। इनका रख-रखाव करने कलेक्टर पंचायतों को निर्देशित किया था लेकिन अभी उसका पालन नहीं हुआ। दर्जनों केंन्द्रों मे पेयजल और बिजली सुविधा का अभाव है।

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