सड़क चौड़ीकरण के बाद भी नहीं हुआ निर्माण, कभी भी घट सकती है दुर्घटना
बांधवभूमि, उमरिया
जिला मुख्यालय के ताला मार्ग पर घंघरी के पूर्व स्थित जर्जर पुल यातायात के लिहाज से बड़ा खतरा बन गया है। उमरार नदी पर निर्मित यह पुल दर्जनो ग्रामो के अलावा बांधवगढ़ नेशनल पार्क, मानपुर सहित जिले के बड़े ग्रामीण अंचल को शहर से जोड़ता है, जिस पर दिन भर हजारों वाहन आवागमन करते हैं। जो कि संकरा होने के सांथ ही बेहद नीचे हैं। जिसकी वजह से यहां कई दुर्घटनायें हो चुकी है। अनेको बार भारी वाहन पुल से फिसल कर नदी मे भी समा गये। हर हादसे के बाद जनप्रतिनिधि और प्रशासन इसे बनवाने की बात तो करता है, परंतु मामला पुराना होते ही बात आई गई हो जाती है, यही कारण है कि आज तक पुल का नवनिर्माण नहीं हो सका है।
वर्षो पुराना हो चुका पुल
स्थानीय जानकारों के मुताबिक इस पुल को बने 60 वर्ष से भी अधिक का समय बीत चुका है। इस दौरान कई बार सड़क का निर्माण तो हुआ जिससे पुल और नीचे होता चला गया। हाल ही मे करोडों की लागत से बस स्टेण्ड और घंघरी नाका से पहले तक टू-वे रोड का निर्माण कराया गया। पुल के दोनो ओर डिवाईडर लगाने का काम चल रहा है। नई सड़क पर वाहन बेहद तेजी से पहुंचते हैं, लेकिन संकरा पुल होने के कारण उस पर एक बार मे केवल एक ही वाहन पार हो पाता है। जिससे दुर्घटनाओं की आशंका हमेशा बनी रहती है।
भूल गये महत्वपूर्ण काम
बस स्टेण्ड से रमपुरी होते हुए घंघरी तिराहा तक सड़क निर्माण के दौरान नागरिकों द्वारा बार-बार पुल के जीणोद्धार की मांग की गई। जिससे यह अवरोध और खतरा खत्म हो सके लेकिन संबंधित विभाग द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि यदि जल्दी ही इस ओर ध्यान नहीं दिया तो किसी भी दिन कोई भयंकर हादसा हो सकता है।
जिला मुख्यालय का मुख्य मार्ग
उमरार नदी पर बाबा आदम के जमाने मे बना पुल आवागमन के लिये असुविधाजनक तो है ही, यह करोड़ों रूपये की लागत से निर्मित डबल रोड की खूबसूरती भी बदरंग कर रहा है। दोनो ओर डिवाईडर और स्ट्रीट लाईट लगने के बाद यहां खाई जैसी स्थिति निर्मित हो जायेगी। अभी भी यदि एक सांथ दो वाहन पुल पर उतर गये तो एक को पीछे होना पड़ता है। इस दौरान कई बार वाहन चालकों के बीच तूतू-मैमै और बहस जैसे हालात निर्मित हो जाते हैं। स्थानीय लोगों ने एक बार फिर शासन और जिले के कलेक्टर से उमरार पुल को ऊंचा कराने के सांथ इसकी चौड़ाई बढ़ाने की मांग की है।
जर्जर पुल से निकलते हैं भारी वाहन
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