कॉलेजियम ने जताई सख्त आपत्ति,सुको के 8 जज होंगे सेवानिवृत्त
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने कहा, कॉलेजियम ने दूसरी बार जो अनुशंसा की है. उन्हें रोकना या अनदेखी करना,जजों की सीनियरिटी में गड़बड़ी पैदा करता है। कॉलेजियम ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि वकील हरप्रीत बराड़ को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जज नियुक्त करने की अनुशंसा, 25 जुलाई 2022 को भेजी गई थी। उनकी नियुक्ति अभी तक नहीं की गई है।इस पर कॉलेजियम ने सख्त आपत्ति जताई है। सुप्रीम कोर्ट के 8 जज इस साल सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के 8 पद खाली होंगे।हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पदों से सुप्रीम कोर्ट में जज बनाए जाने की परंपरा है।ऐसी स्थिति में यदि सरकार कॉलेजियम की अनुशंसा के अनुसार जजों की नियुक्ति नहीं करती है, तो वरिष्ठता का क्रम बिगड़ता है। इसका न्याय व्यवस्था में भी असर पड़ता है।
सेवानिवृत्त होने वाले न्यायाधीश
सुप्रीम कोर्ट से दिनेश माहेश्वरी 14 मई को, एमआर शाह 15 मई को, केएम जोसेफ 16 जून को, अजय रस्तोगी 17 जून को,रामा सुब्रमण्यम 29 जून को, कृष्ण मुरारी 8 जुलाई को,श्रीपति रविंद्र भट्ट 20 अगस्त को और संजय किशन कौल 25 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं।मई और जून में सुप्रीम कोर्ट के 5 जज रिटायर हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में हाईकोर्ट में भी सीनियर जजों को मुख्य न्यायाधीश बनाया जाना है। जजों की संख्या को बनाए रखने के लिए हाईकोर्ट में नए जजों की नियुक्ति भी करना होगी। सुप्रीम कोर्ट में सभी राज्यों का प्रतिनिधित्व हो। इसका भी ध्यान कॉलेजियम को रखना होता है।सुप्रीम कोर्ट में सीधे जज बनाने की कोई परंपरा नहीं है।2021 में यह परंपरा पहली बार टूटी।गुजरात हाईकोर्ट की न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी को हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाए बिना सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज बना दिया गया था।
राजस्थान के दो जज होंगे रिटायर
सुप्रीम कोर्ट से राजस्थान कोटा के दो जज सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। राजस्थान के संदीप मेहता जो वर्तमान में गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं। विजय विश्नोई जो राजस्थान हाईकोर्ट में 32 न्यायाधीशों में सबसे सीनियर जज हैं। उन्हें किसी हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाकर, सुप्रीम कोर्ट में जज बनाने के लिए समय सीमा के अंदर कार्य करना होगा। नियुक्तियां यदि वरिष्ठता क्रम के अनुसार होती हैं,तो इससे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की सीनियारिटी बनी रहेगी। केरल से 1,गुजरात से 1 तमिलनाडु से 1 उत्तर प्रदेश से 1 दिल्ली से 1 और जम्मू एंड कश्मीर कोटे से 1 जज सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं।
सरकार और कॉलेजियम में तकरार
केंद्र सरकार के कानून मंत्री और सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम द्वारा भेजे गए नामों को लेकर लगातार विवाद की स्थिति बनी रहती है। सरकार द्वारा समय पर निर्णय नहीं लिए जाने के कारण, न्यायपालिका का वरीयता क्रम भी प्रभावित होता है।कॉलेजियम द्वारा दूसरी बार अनुशंसा की जाती है। उसके बाद सरकार को नियुक्ति आदेश तुरंत जारी करने चाहिए। लेकिन सरकार उन नामों को लंबे समय तक रोक कर रखती है। जिसके कारण कॉलेजियम और सरकार के बीच मतभेद अब खुलकर सामने आने लगे हैं। कॉलेजियम जजों की नियुक्ति में पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए प्रक्रिया भी सार्वजनिक करने के लिए तैयार है। सरकार जजों की नियुक्ति के मामले को गुप्त रखना चाहती हैं। ऐसे छोटे छोटे से विवाद सरकार और कालेजियम के बीच बनी हुई है।