ट्रेनो को स्पेशल बना कर जनता से वसूला जा रहा दोगुना किराया, सभी छूट खत्म
रेलवे हमेशा से ही एक जनकल्याणकारी विभाग माना जाता रहा है। गरीब या साधारण व्यक्ति हो अथवा धनाड्य तबका, एक यात्री के रूप मे सभी को उनकी आर्थिक स्थिति के अनुसार सुविधा प्रदान इसका ध्येय रहा है। इसने कभी व्यापार नहीं किया, बस सेवा की है। यही कारण है भारतीय रेल के बगैर भारत की कल्पना नहीं की जा सकती, पर अब समय बदल चुका है। ऐतिहासिक रेलवे बजट को खत्म करने के बाद सरकार अब इस विभाग के मूल उद्देश्य को भी समाप्त करने की ठान चुकी है।
उमरिया। केन्द्र सरकार द्वारा कोरोना के पूर्व बंद ट्रेनो को अब नये अवतार के सांथ शुरू किया जा रहा है। हाल ही मे संचालित की गई सभी ट्रेनो को क्लोन या स्पेशल ट्रेन का नाम दिया गया है। जिसका किराया राजधानी एक्सप्रेस के बराबर निर्धारित है। अर्थात यात्रियों को नार्मल ट्रेन के किराये से करीब 60 प्रतिशत ज्यादा भाड़ा देना होगा। इसके अलावा इन यात्री गाडिय़ों मे किसी भी प्रकार की छूट नहीं रहेगी। याने कि रेल मंत्रालय ने बड़ी ही चालाकी के सांथ एक तीर से कई निशाने साध लिये हैं। जानकार मानते हैं कि यह एक सोची-समझी चाल है। यदि सीधे तौर पर किराये मे बढ़ोत्तरी की जाती तो इसका भारी विरोध हो सकता था वहीं विपक्ष को भी हमले का मौका मिलता। उनका मानना है कि यह तात्कालिक नहीं बल्कि स्थाई व्यवस्था भी हो सकती है। मतलब साफ है कि अब सफर भी आम आदमी के बस का नहीं रह जायेगा।
आदत डालने की कवायद
रेलवे यूनियन के सूत्र इसे निजीकरण और आम यात्री को आने वाले समय के लिये तैयार करने की कवायद बता रहे हैं। यूनियन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बांधवभूमि के सांथ चर्चा करते हुए बताया कि केन्द्र सरकार अन्य शासकीय उपक्रमो की तरह रेलवे को भी निजी हाथों मे सौंपने का कदम बढ़ा चुकी है। प्रायवेट कम्पनियां तो छूट देने से रहीं ऊपर से मनमाना किराया भी वसूलेंगी। इसलिये लोगों को उस स्थिति के लिये तैयार किया जा रहा है।
इन्हे मिलती थी रियायत
अभी तक रेलवे द्वारा बेसिक मेल एक्सप्रेस गाडिय़ों मे विभिन्न कैटेगरी के लोगों एवं उनके सहायकों अथवा व्यक्तिगत को 25 से 100 प्रतिशत तक छूट दी जाती रही है। इनमे दिव्यांग नागरिक, कैंसर, थैलसीमिया, दिल, किडनी, हीमोफीलिया, एड्स, आस्टोमी जैसी गंभीर बीमारियों के मरीज, वरिष्ठ नागरिक, छात्र, ग्रामीण बच्चे, नौकरी के लिये यात्रा करने वाले बेरोजगार, विदेशी छात्र, रिसर्च स्टूडेण्ट, मरीन इंजीनियर, किसान, अवार्डी, शहीदों की विधवायें, आॢटस्ट आदि शामिल हैं। जिन्हे अब स्पेशल ट्रेनो मे कोई रियायत नहीं होगी।
फिर हुई क्षेत्र की उपेक्षा
रेलवे द्वारा क्लोन ट्रेनो के संचालन की एक और सूची जारी की गई है। नई सूची मे 40 ट्रेन हैं। इसमे कोई भी गाड़ी बिलासपुर-कटनी मार्ग की नहीं है। जबकि शहडोल संभाग के नागरिक लगातार इस रूट की जरूरी ट्रेनो को शुरू करने की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस आज सौंपेगी ज्ञापन
केन्द्र सरकार द्वारा की जा रही उमरिया जिले की घोर उपेक्षा के खिलाफ कांग्रेस द्वारा आज कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपा जायेगा। कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अशोक गौंटिया ने बताया कि रेलवे द्वारा अभी तक कटनी-बिलासपुर मार्ग की एक भी ट्रेन चालू नहीं की गई है। जबकि अडानी और अम्बानी का कोयला धड़ल्ले से निकाला जा रहा है। जिसके विरोध मे आज ज्ञापन सौंप कर ट्रेनो को चलाये जाने की मांग की जायेगी। इस अवसर पर मप्र कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एवं पूर्व विधायक अजय सिंह, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश शर्मा सहित अन्य नेता एवं पदाधिकारी उपस्थित रहेेंगे।