चीन भी कर सकता है रूस जैसी हरकत

राहुल गांधी ने सरकार को किया आगाह

नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यूक्रेन संकट का उल्लेख करते केंद्र की मोदी सरकार को आगाह किया है। दिल्ली में वह शरद यादव से मिलने पहुंचे थे और पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि रूस जैसी हरकत चीन भी कर सकता है। दरअसल, सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि चीन देश के पावर ग्रिड को हैक करने की कोशिश कर रहा है। पिछले चार महीने में ही चीन ने 3 बार ऐसी कोशिश की लेकिन वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाया। जब यही सवाल राहुल से हुआ तो उन्होंने कहा कि चीन के मुद्दे पर विपक्ष संसद में डिबेट चाह रहा था लेकिन यह नहीं होने वाला।
यूक्रेन-रूस युद्ध का जिक्र कर राहुल ने कहा कि रूस कहता है कि हम डोनबास और लुगांस्क रीजन को यूक्रेन नहीं मानते हैं। उस आधार पर रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया। उन्होंने कहा कि आक्रमण का लक्ष्य नाटो, यूक्रेन और अमेरिका के एलांयस को तोड़ना है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि यही प्रिंसिपल चीन हिंदुस्तान पर अप्लाई कर रहा है। जैसे रूस ने कहा है कि डोनबास और लुगांस्क यूक्रेन का नहीं है, वैसे ही चीन कह रहा है कि लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश आपका नहीं है और उन्होंने अपनी सेना बिठा रखी है। राहुल ने कहा कि सरकार इसे नजरअंदाज कर रही है लेकिन मॉडल उधर है और चीन उसे यहां लागू कर सकता है। लेकिन सरकार सच्चाई को स्वीकार नहीं कर रही है। अगर आपने सच्चाई को स्वीकार नहीं किया और तैयारी नहीं की तो जब मामला खराब होगा आप रीएक्ट नहीं कर पाएंगे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शरद यादव से मुलाकात करने के बाद महंगाई को लेकर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि लोग सोचते हैं कि महंगाई समाज की कंडीशन से अलग होती है। जिस देश में शांति-सौहार्द्र नहीं होता है, उस देश में महंगाई बढ़ेगी, उस देश में नफरत बढ़ेगी। इकॉनमी नहीं चल सकती है और न ही रोजगार मिल सकता है। अगर देश को मजबूत बनाना है तो सबसे बड़ी चीज शांति और सामाजिक सौहार्द्र है। बीजेपी के लोग सोचते हैं कि नफरत फैलाकर, लोगों को डराकर, लोगों को मारकर इंडिया की इकॉनमी को मजबूत किया जा सकता है, गलतफहमी में हैं। इस सवाल पर राहुल ने कहा कि आप हिंदुस्तान की आर्थिक स्थिति की कल्पना ही नहीं कर सकते हैं। जो आने वाला है, वो आपने पूरी जिंदगी में नहीं देखा है। क्योंकि इस देश में जो रोजगार का ढांचा है, जो रीढ़ की हड्डी है वो टूट गई है। जो स्मॉलर मीडियम बिजनस, छोटे दुकान चलाते हैं, इनफॉर्मल सेक्टर जो था, ये हमारी रीढ़ की हड्डी है। बड़े-बड़े अर्थशास्त्री और ब्यूरोक्रेट्स सोचते हैं कि इसका कोई मतलब ही नहीं है। वो दूसरे देशों को देखकर अपना प्लान बनाते हैं। प्रधानमंत्री के माइंड में है कि साउथ कोरिया ने क्या किया है, हमें भी करना चाहिए। वो बाहर देखते हैं। उस प्रकार से काम नहीं हो सकता। हमें पहचानना होगा कि हम क्या हैं और यहां क्या चलता है। ये रीढ़ की हड्डी जो इन्होंने तोड़ी है इसका रिजल्ट अगले दो, तीन चार साल में आएगा और भयंकर रिजल्ट आएगा। राहुल बोले कि सच्चाई से कोई नहीं बच सकता। अस्थायी रूप से मॉडर्न पॉलिटिक्स में रिएलिटी से बचने का तरीका मीडिया है। मीडिया को आप 6 महीने, एक साल, दो साल….मीडिया के जरिए आप सच्चाई को दबा सकते हैं। लेकिन जब वह सच्चाई युवा के पेट तक पहुंचती है, उसके माता-पिता के पेट तक पहुंचती है तो फिर मीडिया उसे नहीं संभाल पाता है। पिछले 2-3 साल तक संस्थानों, मीडिया, बीजेपी और आरएसएस ने सच्चाई को छिपाया है। अब धीरे-धीरे सच्चाई बाहर निकलेगी। वही हुआ है श्रीलंका में, वहां सच्चाई आ गई है और हिंदुस्तान में भी सच्चाई आएगी। फर्क क्या है? हिंदुस्तान को बांटा गया है। देश में अलग-अलग ग्रुप्स बना दिए गए हैं। पहले यह एक देश हुआ करता था। अब अलग-अलग देश बना दिए हैं। एक इनका, एक उनका….और इन लोगों को एक दूसरे से लड़ाया जाता है। जब ये दर्द आएगा तो हिंसा आएगी। उन्होंने आगे कहा कि अभी मत मानो मेरी बात, दो तीन साल रुक जाओ फिर देख लेंगे। सत्ता पक्ष ये कहता है कि उन्हें मैंडेट मिला हुआ है और इसलिए वे फैसले ले रहे हैं तो जनादेश विपक्ष के पास क्यों नहीं है? क्या आप देश की जनता को संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं। इस सवाल पर राहुल ने कहा कि ऐसा इसलिए क्योंकि देश के 100 प्रतिशत संचार माध्यमों पर कब्जा कर लिया गया है। मीडिया 100 प्रतिशत नियंत्रित है, सीबीआई-ईडी समेत अन्य प्रतिष्ठान संवाद को रोक रहे हैं। पहले लाउडस्पीकर सपा, तो कभी बसपा, कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी के पास चला जाता था लेकिन आज लाउडस्पीकर केवल संघ और बीजेपी के पास है। इस कंट्रोल को बाइपास कैसे किया जाए। जब सच्चाई लोगों के पेट पर लगेगी तो ये लाउडस्पीकर फेल हो जाएगा। हाल ही में शरद यादव आरजेडी में शामिल हुए। मुलाकात करने के बाद राहुल ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि शरद जी फिट हैं। इन्होंने मुझे राजनीति के बारे में बहुत सिखाया है। एक बार मैं इनके साथ गाड़ी में बैठा। हमारा आंध्र में कार्यक्रम था। मैं तीन घंटे तक इनके साथ गाड़ी में बैठा और उन तीन घंटों में शरद यादव जी ने जो मुझे बताया हिंदुस्तान की राजनीति के बारे में, वो मैं कभी भूल ही नहीं सकता।

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