नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चीन के सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत की पहली बरसी पर कहा कि एक वर्ष का समय गुजरने के बाद भी घटना से जुड़े हालात को लेकर स्पष्टता नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार देश को विश्वास में ले और यह सुनिश्चित करे कि उसके कदम देश के जवानों की प्रतिबद्धता के अनुकूल रहे हैं। सोनिया ने जवानों के बलिदान को याद कर दावा किया कि सैनिकों के पीछे हटाने का जो समझौता चीन के साथ हुआ है,उसमें भारत का नुकसान दिखाई पड़ता है। उन्होंने कहा, 14-15 जून, 2020 की रात को चीन की पीएलए के साथ हुई झड़प को एक साल पूरा हो गया है। इसमें बिहार रेजीमेंट के हमारे 20 जवानों की जान चली गई थी।सोनिया गांधी के मुताबिक, इसका बहुत ही धैर्य का साथ इंतजार किया गया कि सरकार सामने आएगी और देश को उन हालात के बारे में सूचित करेगी जिनमें यह अप्रत्याशित घटना घटी तथा वह लोगों को विश्वास दिलाएगी की हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। सोनिया ने कहा, कांग्रेस पार्टी अपनी चिंता को फिर से प्रकट करती है कि अब तक कोई स्पष्टता नहीं है और इस विषय पर प्रधानमंत्री का आखिरी वक्तव्य पिछले साल आया था कि कोई घुसपैठ नहीं हुई। सोनिया गांधी ने कहा, कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री के बयान के संदर्भ में बार बार ब्यौरा मांगा और अप्रैल, 2020 से पूर्व की यथास्थिति बहाल करने की दिशा में हुई प्रगति का विवरण भी मांगा। गौरतलब है कि पिछले साल 14-15 जून की दरम्यानी रात पीएलए के सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 जवान शहीद हो गए। बाद में कई खबरों के माध्यम से यह जानकारी सामने आई कि इस झड़प में चीन के भी कई सैनिक मारे गए।
चीन के साथ हुए समझौते में भारत को नुकसान:सोनिया गांधी
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