नई दिल्ली। एक ओर एलएसी पर भारतीय सेना चीन की हर हिमारत का जवाब देने के लिए तैयार है। वहीं दूसरी तरफ भारत अपने दोस्तों के साथ पूरी दुनिया में चीन के खिलाफ एक सैन्य गठबंधन बनाने में भी जुटा हुआ है। केवल इतना ही नहीं भारत, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की नौसेना युद्धाभ्यास भी करती दिख रही है। बहुपक्षीय मालाबार 2022 का आगाज हो गया। उद्घाटन समारोह की मेजबानी जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स ने जापान के योकोसुका में जेएस ह्यूगा पर की। पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल संजय भल्ला ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जिसमें कमांडिंग अधिकारी और आईएनएस शिवालिक और आईएनएस कमोर्ता के चालक दल शामिल थे। युद्ध के खेल इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत की पृष्ठभूमि में आते हैं। इंडो-पैसिफिक में बीजिंग की आक्रामक चाल चार लोकतंत्रों के एजेंडे में सबसे ऊपर है। भारतीय नौसेना दो फ्रंटलाइन वॉरशिप आईएनएस शिवलिंग और आईएनएस कमोर्टो शामिल हुई। आईएनएस शिवलिंग ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों से लैस है। इसके साथ ही ये पानी की गहराई में भी दुश्मनों को खोज निकालने और उन्हें तबाह करने में सक्षम है।
मालाबार नौसेना अभ्यास पहली दफा 1992 में एक द्विपक्षीय भारतीय नौसेना संयुक्त राज्य अमेरिका नौसेना ड्रिल के रूप में हुआ था। इसका उद्देश्य चीन के आक्रामक रुख के बीच हिंद प्रशांत क्षेत्र खासकर साउथ चाइना सी में नौवहन की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करना था। मालाबार युद्धाभ्यास का हिस्सा जापान 2015 में बना था। बाद में इसमें आस्ट्रेलिया ने भी हिस्सा लिया। मालाबार में हिस्सा लेने वाले चारों देश क्वाड का हिस्सा हैं।
चीन का चुनौती देने भारत ने शुरु किया मालाबार नौसेना अभ्यास
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